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Coronavirus: अमेरिका ने चीन से निकाले गए नागरिकों को सैन्य अड्डे में रखा, ऑस्ट्रेलिया ने द्ववीप पर रखा

अमेरिका ने चीन के वुहान शहर से अपने करीब 200 नागरिकों को निकाला है। ये सभी बुधवार को कैलिफोर्निया प्रांत के एक सैन्य अड्डे मार्च एयर बेस पर पहुंचे।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 30 Jan 2020 06:14 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jan 2020 11:27 PM (IST)
Coronavirus: अमेरिका ने चीन से निकाले गए नागरिकों को सैन्य अड्डे में रखा, ऑस्ट्रेलिया ने द्ववीप पर रखा
Coronavirus: अमेरिका ने चीन से निकाले गए नागरिकों को सैन्य अड्डे में रखा, ऑस्ट्रेलिया ने द्ववीप पर रखा

वाशिंगटन, रायटर। अमेरिका ने चीन के वुहान शहर से अपने करीब 200 नागरिकों को निकाला है। ये सभी बुधवार को कैलिफोर्निया प्रांत के एक सैन्य अड्डे मार्च एयर बेस पर पहुंचे। उन्हें 72 घंटे तक इसी सैन्य अड्डे में रखा जाएगा। इस दौरान उनकी गहन चिकित्सा जांच की जाएगी। चीनी शहर से निकाले गए अमेरिकी नागरिकों में ज्यादातर राजनयिक और उनके पारिवारिक सदस्य हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उन्होंने शी से बात की है और इस वायरस को रोकने के लिए उनकी सरकार चीन के साथ मिलकर काम कर रही है। ह्वाइट हाउस चीन से उड़ानें बंद करने भी विचार कर रहा है।

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अपने लोगों को दूरस्थ द्वीप पर रखने के फैसले से घिरी ऑस्ट्रेलियाई सरकार

ऑस्ट्रेलिया भी वुहान से अपने नागरिकों को लाकर दूर-दराज के एक द्वीप पर बनाए गए हिरासत केंद्र में रखने की तैयारी में है। इसके लिए उसे आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ रहा है। लेकिन स्कॉट मौरिसन सरकार ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलिया के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है। वुहान में करीब 600 ऑस्ट्रेलियाई नागरिक हैं। ऑस्ट्रेलिया में कोरोना वायरस के छह मामले सामने आ चुके हैं।

ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने बुधवार को कहा था कि न्यूजीलैंड के साथ संयुक्त अभियान के तहत वुहान से दोनों देशों के नागरिकों को निकाला जाएगा। इनके लिए क्रिसमस द्वीप के एक हिरासत केंद्र को इस्तेमाल किया जाएगा। कई स्वास्थ्य अधिकारियों ने ऑस्ट्रेलिया से करीब 2600 किलोमीटर दूर क्रिसमस द्वीप पर लोगों को रखने के फैसले की आलोचना की है। इस द्वीप पर बनाए गए हिरासत केंद्र का उपयोग वर्ष 2002 से 2018 के दौरान हजारों शरणार्थियों को रखने के लिए किया जाता था। गृह मंत्री पीटर डटन ने गुरुवार को सिडनी में कहा, 'वास्तविकता यह है कि लोगों को निगरानी में 14 दिनों तक रखने की जरूरत है। सिडनी, मेलबर्न या ब्रिस्बेन के अस्पतालों में सैकड़ों लोगों को रखने की व्यवस्था नहीं है। जबकि क्रिसमस द्वीप पर शीघ्रता के साथ व्यवस्था हो सकती है।'

डब्ल्यूएचओ ने इमरजेंसी बैठक बुलाई

चीन में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 130 से अधिक हो गई है। संक्रमित लोगों का आंकड़ा भी छह हजार को पार कर गया है, जिसमें छह विदेशी भी शामिल हैं। इनमें चार पाकिस्तानी छात्र और दो ऑस्ट्रेलियाई नागरिक शामिल हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने व्यक्ति से व्यक्ति में संक्रमण फैलने पर गंभीर चिंता जताई है और जेनेवा स्थित अपने मुख्यालय में आपात बैठक बुलाई है। इसमें वैश्विक आपात स्थिति घोषित करने पर फैसला किया जाएगा। 


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