सवालों में राष्ट्रपति का 'चरित्र', रद हो सकता है ट्रंप इंटरनेशनल होटल का शराब लाइसेंस
'ट्रंप इंटरनेशनल होटल' का शराब का लाइसेंस रद करने की मांग की जा रही है। अब संबंध में एक याचिका भी दायर की गई है।
वॉशिंगटन (एजेंसी)। क्या ट्रंप होटल के शराब का लाइसेंस रद हो सकता है? ये सवाल इसलिए क्योंकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चरित्र और ईमानदारी पर सवाल उठाते हुए उनके 'ट्रंप इंटरनेशनल होटल' का शराब का लाइसेंस रद करने की मांग की जा रही है। अब संबंध में एक याचिका भी दायर की गई है। जिसे एडवाइजरी नेबरहुड कमीशन ने सर्वसम्मति से मंजूरी भी दे दी है।
अच्छे चरित्र के इंसान नहीं हैं ट्रंप
दरअसल, ये कहा जा रहा है कि ट्रंप अच्छे चरित्र के इंसान नहीं है, इसलिए ट्रंप इंटरनेशनल होटल का शराब का लाइसेंस रद कर देना चाहिए। इसको लेकर अल्कोहलिक बेवरेज कंट्रोल बोर्ड को शिकायत की गई है। शिकायत में कहा गया, 'ट्रंप इंटरनेशनल के मालिक डोनाल्ड ट्रंप अच्छे चरित्र के इंसान नहीं हैं। स्थानीय नियमों के अनुसार शराब लाइसेंस धारक का अच्छे चरित्र का होना जरूरी है।'
शिकायत में क्या कहा गया
शिकायत में कहा गया है कि बोर्ड द्वारा चरित्र की जांच लाइसेंस के आवेदन या फिर नवीकरण के समय की जाती है, लेकिन ट्रंप के खराब व्यवहार के कारण यह जरूरी हो जाता है कि बोर्ड उन्हें तत्काल कारण बताओ नोटिस जारी करे।
किसने-किसने किए शिकायत पर हस्ताक्षर
बता दें कि अमेरिका के धार्मिक नेता तथा पूर्व न्यायाधीशों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चरित्र और ईमानदारी पर सवाल उठाते आए हैं। जिन लोगों ने शिकायत पर हस्ताक्षर किए हैं, उनमें पूर्व न्यायाधीश हेनरी कैनेडी जूनियर और जोआन गोल्डफ्रैंक, धार्मिक नेता विलियम लामार चतुर्थ, जेनिफर बटलर और टिमोथी टी बडी, रब्बी आरोन पोटेक एवं रब्बी जैक मोलिन शामिल हैं।
वकीलों का आरोप
मैरीलैंड और वॉशिंगटन राज्य के वकीलों का आरोप है कि ट्रंप इंटरनेशल होटल के जरिए अवैध भुगतान लिया गया है। हालांकि ट्रंप के वकील ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए इसका विरोध किया है। उन्होंने कहा कि भुगतान पूरी तरह से वैधानिक हैं।
गौरतलब है कि जून में कोलंबिया के सात जिलों के निवासियों के साथ दो रिटायर्ड जजों ने अल्कोहलिक बेवरेज कंट्रोल बोर्ड के सामने ये शिकायत दर्ज कराई थी। फिलहाल जून में की गई शिकायत की जांच जारी है और एक बार जांचकर्ता बोर्ड को अपनी रिपोर्ट सौंप देंगे तो बोर्ड के पास नोटिस जारी करने के लिए 30 दिन का वक्त होगा।