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Lebonan blast: लेबनान की मदद को तैयार हैं ट्रंप और मैक्रों, भेजेंगे सहायता

लेबनान के बेरुत में अमोनियम नाइट्रेट के कारण हुए घातक विस्फोट में 150 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। सहायता के लिए दूसरे देशों से मदद भेजी जा रही है।

By Monika MinalEdited By: Published: Sat, 08 Aug 2020 09:30 AM (IST)Updated: Sat, 08 Aug 2020 09:30 AM (IST)
Lebonan blast: लेबनान की मदद को तैयार हैं ट्रंप और मैक्रों, भेजेंगे सहायता
Lebonan blast: लेबनान की मदद को तैयार हैं ट्रंप और मैक्रों, भेजेंगे सहायता

वाशिंगटन, आइएएनएस। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) और उनके फ्रांस के समकक्ष इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) ने लेबनान की राजधानी बेरुत में हुए घातक विस्फोट के बाद सहायता भेजने पर सहमति जताई है। इस विस्फोट में 150 से अधिक लोगों की मौत हो गई। शुक्रवार को एक फोन कॉल में दोनों नेताओं ने बेरुत में विस्फोट के कारण हुए नुकसान पर दुख जताया। 

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व्हाइट हाउस के हवाले से शिन्हुआ न्यूज एजेंसी ने बताया, 'अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ मिलकर काम करने और लेबनान के लोगों तक मदद पहुंचाने के लिए तैयार हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, 'फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के साथ बेरुत विस्फोट समेत विभिन्न मुद्दों पर लंबी बातचीत हुई।'  उन्होंने आगे बताया, शुक्रवार शाम 3 बजे लेबनान के राष्ट्रपति माइकल आउन से बात हुई और उन्हें इस बात की जानकारी दी कि वहां के लिए मेडिकल सप्लाई समेत अन्य सामानों के साथ तीन बड़े एयरक्राफ्ट भेज दिए गए हैं। इसके साथ ही टेक्निशियन, डॉक्टरों व नर्सों को भी भेजा गया है।

 उन्होंने आगे बताया, ' दुनिया के अन्य हिस्सों के नेताओं समेत राष्ट्रपति मैक्रों व लेबनान के नेताओं के साथ रविवार को हमारी कॉन्फ्रेंस कॉल होगी। सभी लेबनान की मदद करना चाहते' हैं। इस बीच मैक्रों ने कहा कि फ्रांस ने लेबनान को पहले ही मदद भेज दी और यह आने वाले दिनों में मेडिकल उपकरणों को भी भेजेगा।'

कई देशों की ओर से पहले ही लेबनान की सहायता के लिए हाथ बढ़ाए जा चुके हैं। विभिन्न देशों से आपातकालीन चिकित्सा सहायता और फील्ड अस्पतालों को बचाव विशेषज्ञों और ट्रैकिंग कुत्तों के साथ लेबनान में भेजा गया। शहर के बंदरगाह में हुए विस्फोट ने बड़े पैमाने पर विनाश किया और इसमें कम से कम 113 लोगों की मौत हो गई।

मदद के लिए सबसे पहले खाड़ी देशों ने मदद की आवाज उठाई। इसमें कतर ने लेबनान की चिकित्सा प्रणाली पर दबाव को कम करने के लिए फील्ड अस्पतालों को भेजा, जो पहले से ही कोरोना वायरस महामारी द्वारा पीड़ित है।


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