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भारत, बांग्लादेश और यूएई की यात्रा पर निकले बाइडन के विशेष दूत जॉन कैरी, जानिए क्या है एजेंडा

तीनों देशों में जलवायु परिवर्तन पर करेंगे चर्चा। अमेरिका में जलवायु के लिए स्पेशल प्रेसिडेंशियल एनवॉय जॉन केरी भारत के दौरे पर आएंगे जो कि जलवायु परिवर्तन पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के लीडर्स समिट फॉर क्लाइमेट पर आगे बढ़ने के पहले एशिया दौरे के हिस्से के रूप में होगा।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Fri, 02 Apr 2021 07:48 AM (IST)Updated: Fri, 02 Apr 2021 09:00 AM (IST)
भारत, बांग्लादेश और यूएई की यात्रा पर निकले बाइडन के विशेष दूत जॉन कैरी, जानिए क्या है एजेंडा
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के विशेष दूत जान कैरी। (फोटो: दैनिक जागरण/फाइल)

वाशिंगटन, प्रेट्र। जलवायु परिवर्तन से जुड़े मामलों पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के विशेष दूत जान कैरी एक से नौ अप्रैल के बीच भारत, बांग्लादेश और यूएई की यात्रा पर रहेंगे। 22-23 अप्रैल के बीच जलवायु परिवर्तन पर आयोजित शिखर सम्मेलन और इस वर्ष के अंत में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी26) से पहले कैरी इस मुद्दे पर विचार विमर्श के लिए इन देशों की यात्रा करने जा रहे हैं।

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इस दौरान होने वाली बातचीत का एजेंडा ग्‍लोबल वार्मिंग में कमी लाना है। उनकी इस यात्रा में सबसे दिलचस्‍प बात ये है कि वो न तो पाकिस्‍तान जाएंगे और न ही वहां के किसी नेता से बात ही करेंगे। अप्रैल 22-23 में जलवायु सम्‍मेलन आयोजित करने का ऐलान किया है, जिसमें दुनिया के 40 देशों को आमंत्रित किया गया है लेकिन पाकिस्‍तान को आमंत्रित भी नहीं किया गया। 

द डॉन की खबर के मुताबिक विदेश मंत्रालय ने इस बारे में पहले ही संकेत दे दिए थे कि पाकिस्‍तान को क्‍लाइमेट समिट से बाहर रखा गया है। अखबार ने इसकी वजह लिखी है कि ऐसा इसलिए है क्‍योंकि पाकिस्‍तान बेहद कम ग्रीन हाउस गैसों का उत्‍सर्जन करता है जिससे पर्यावरण पर प्रतिकूल असर पड़ता है। 

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत विश्व के 40 नेताओं को दो दिवसीय वर्चुअल शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया है। सम्मेलन का मकसद जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने के आíथक लाभ एवं महत्व को रेखांकित करना है। व्हाइट हाउस ने पिछले सप्ताह कहा था, 'यह ग्लासगो में इस साल नवंबर में होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी26) के मार्ग में मील का पत्थर साबित होगा।'

व्हाइट हाउस के अनुसार, शिखर सम्मेलन का सीधा प्रसारण किया जाएगा। इस शिखर सम्मेलन और सीओपी26 का मुख्य लक्ष्य वैश्विक तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने के प्रयासों को गति देना है। इस सम्मेलन में वे 17 देश भाग लेंगे, जो वैश्विक स्तर पर 80 फीसद उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं और वैश्विक जीडीपी में उनकी 80 फीसद भूमिका है।


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