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मीडिया से नाराज ट्रंप बोले, कोरोना पर प्रेस ब्रीफिंग समय और कोशिशों की बर्बादी, दुर्भावना से पूछे जाते हैं सवाल

डोनाल्ड ट्रंप कोरोना का इलाज अल्ट्रावायलेट किरणों और अंसक्रमित करने वाले इंजेक्शनों से करने का सुझाव देने पर मीडिया में हुई अपनी आलोचनाओं से बेहद नाराज हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 26 Apr 2020 08:22 PM (IST)Updated: Sun, 26 Apr 2020 08:22 PM (IST)
मीडिया से नाराज ट्रंप बोले, कोरोना पर प्रेस ब्रीफिंग समय और कोशिशों की बर्बादी, दुर्भावना से पूछे जाते हैं सवाल
मीडिया से नाराज ट्रंप बोले, कोरोना पर प्रेस ब्रीफिंग समय और कोशिशों की बर्बादी, दुर्भावना से पूछे जाते हैं सवाल

वाशिंगटन, एजेंसियां। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोविड-19 के मरीजों का इलाज अल्ट्रावायलेट किरणों और अंसक्रमित करने वाले इंजेक्शनों से करने का सुझाव देने पर मीडिया में हुई अपनी आलोचनाओं से बेहद नाराज हैं। इसलिए उन्होंने व्हाइट हाउस में कोरोना संक्रमण पर होने वाली नियमित प्रेस ब्रीफिंग बंद करने का संकेत देते हुए कहा कि बचकानी सोच वाली मीडिया और कुछ नहीं बल्कि उनसे दुश्मनी निकालते हुए सवाल पूछती है। ट्रंप ने कहा कि कोरोना वायरस पर होने वाली उनकी नियमित प्रेस ब्रीफिंग उनके समय और प्रयासों की बर्बादी ही है।

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करीब पिछले एक महीने से अधिक समय से व्हाइट हाउस में कोरोना संक्रमण पर नियमित प्रेस ब्रीफिंग के बाद शनिवार को ट्रंप मीडिया के सम्मुख नहीं आए और व्हाइट हाउस ब्रीफिंग पर विराम लगाने के संकेत दिए। इसके 45 मिनट बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया। ट्रंप ने कहा, 'आखिर व्हाइट हाउस की प्रेस कांफ्रेंस का उद्देश्य ही क्या है, जब बचकानी विचारधारा की मीडिया कुछ जानना नहीं चाहती, बल्कि दुर्भावना से भरे सवाल पूछती है। और उसके बाद सच्चाई या तथ्यों को सही तरीके से प्रकाशित करने से मुंह मोड़ लेती है।' उन्होंने कहा, 'उन्हें रिकार्ड रेटिंग मिलती है, लेकिन अमेरिकी जनता को फेक न्यूज के अलावा कुछ नहीं मिलता। यह लोग (मीडिया) उनके समय और प्रयासों के लायक ही नहीं हैं।'

उल्लेखनीय है कि गुरुवार को ट्रंप के कोरोना के मरीजों का इलाज करने के विचित्र सुझावों पर मीडिया और सोशल मीडिया में उनकी काफी आलोचना हुई थी। उस प्रेस ब्रीफिंग में ट्रंप के अजीबोगरीब सुझाव के बाद कुछ विशेषज्ञों ने अमेरिकी जनता से उनके घातक सुझावों को नहीं मानने की अपील की थी। ट्रंप ने कहा था कि कोरोना के मरीजों के शरीर को यूवी लाइट या असंक्रमित करने वाले इंजेक्शनों से ठीक किया जाना चाहिए। ट्रंप के इस बयान ने पूरे अमेरिका का ध्यान खींचा। स्वास्थ्य विशेषज्ञों, निर्वाचित नेताओं और निजी कंपनियों ने अमेरिकी जनता को चेताया कि वह किसी रसायन का इंजेक्शन न लें।

स्वास्थ्य मंत्री अजर को हटाकर सीमा वर्मा को नियुक्त करने की अटकलें

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने स्वास्थ्य और मानव सेवा मंत्री एलेक्स अजर को अपने पद से हटा सकते हैं। उनकी जगह भारतीय मूल की सीमा वर्मा को नियुक्त किए जाने के संकेत हैं। सीमा वर्मा फिलहाल सरकार के स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम की प्रमुख हैं। मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार व्हाइट हाउस के वरिष्ठ अधिकारियों ने अजर को हटाने पर विचार-विमर्श किया है। उनके स्थान पर सीमा वर्मा या फिर व्हाइट हाउस की कोरोना टास्क फोर्स की संयोजक डेबुरा ब्रिक्स को नियुक्त किया जा सकता है। अगर सीमा वर्मा को यह पद मिला तो वह अमेरिकी संघीय कैबिनेट में भारतीय मूल की दूसरी शख्स होंगी। उनसे पहले निक्की हेली को ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका के स्थायी प्रतिनिधि के तौर पर नियुक्त किया था। उन्हें कैबिनेट का दर्जा मिला है और वह दो साल के लिए वहां नियुक्त की गई हैं।


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