अवैध प्रवासी मामला: बैकफुट पर ट्रंप, अब माता-पिता के साथ रह सकेंगे बच्चे
ट्रंप ने कहा कि उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप और बेटी इवांका भी इस प्रस्ताव के खिलाफ थीं। दोनों परिवारों को साथ रखे जाने का समर्थन करती हैं।
वॉशिंगटन [ एजेंसी ] अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने आख़िरकार अवैध प्रवासियों (इमिग्रेशन पॉलिसी ) को उनके बच्चों से अलग न किए जाने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इस पर हस्ताक्षार करते हुए ट्रंप ने कहा, हम परिवारों को एक साथ देखना चाहते हैं। हालांकि, ट्रंप के नए आदेश में ये साफ़ है कि अवैध प्रवासियों को लेकर अमरीका की 'ज़ीरो टॉलरेंस पॉलिसी' पहले की तरह ही लागू रहेगी।
नए आदेश में कहा गया है कि अब अवैध प्रवासी परिवारों को एक साथ हिरासत में लिया जाएगा। हालांकि, अगर माता-पिता के हिरासत में लिए जाने से बच्चों पर ग़लत प्रभाव पड़ने की आशंका हो तो उन्हें अलग ही रखा जाएगा।
इस आदेश में अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि बच्चों को उनके माता-पिता से कितने समय के लिए पृथक रखा जाएगा। इसमें यह भी स्पष्ट नहीं है कि ट्रंप का यह आदेश कब से लागू होगा। आदेश में आप्रवासन के उन मामलों को प्राथमिकता से निबटाने को कहा गया जिनमें एक ही परिवार के कई सदस्यों को हिरासत में लिया गया हो।
ट्रंप ने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर के बाद कहा कि वह अपने मां-बाप से अलग हुए बच्चों की तस्वीरें देखकर पिघल गए। इसीलिए उन्होंने ये आदेश जारी किया। उन्होंने कहा कि उन्हें ख़ुद परिवारों को अलग होते देखना पसंद नहीं है। बच्चों को उनके माता-पिता से अलग करने के फैसले की अमेरिका में तीखी आलोचना भी हुई।
मेलानिया ट्रंप और बेटी इवांका ने बनाया दबाव
ट्रंप ने कहा कि उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप और बेटी इवांका भी इस प्रस्ताव के खिलाफ थीं। दोनों परिवारों को साथ रखे जाने का समर्थन करती हैं। मेलानिया व इवांका लगातार ट्रंप पर प्रवासियों के लिए बने विवादित क़ानून में नरमी बरतने का दबाव डाल रही थीं। पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी इस प्रस्ताव पर अपना विरोध जताया था। एक फ़ेसबुक पोस्ट में उन्होंने कहा कि शरणार्थियों और प्रवासियों का स्वागत करने की तरकीब ढूंढना ही अमरीका की परंपरा है।
क्या है इमिग्रेशन पॉलिसी
इमिग्रेशन पॉलिसी क़ानून के मुताबिक़ अमरीका की सीमा में अवैध तरीके से घुसने वालों पर आपराधिक मामला दर्ज कर उन्हें जेल में डाल दिया जाता है। ऐसे प्रवासियों को उनके बच्चों से भी मिलने नहीं दिया जाता और उन्हें अलग रखा जाता है। इन बच्चों की देखभाल अमरीका का 'डिपार्टमेंट ऑफ़ हेल्थ ऐंड ह्यूमन सर्विसेज' करता है। इससे पहले बिना ज़रूरी काग़ज़ात के पहली बार सीमा पार आने वाले प्रवासियों को अदालत में बुलाया जाता था। नए क़ानून के अनुसार भी अवैध रूप से सीमा लांघने वालों को हिरासत में लिया जाएगा और जेल भेजा जाएगा लेकिन एकसाथ।