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प्रत्यर्पण से पहले तहव्वुर राणा की रिहाई का अमेरिका ने किया विरोध, कहा देश से भागने का जोखिम

2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों के मामले में भगोड़ा घोषित किए गए पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यापारी तहव्वुर राणा की रिहाई का अमेरिकी सरकार ने विरोध किया है। इस हमले में छह अमेरिकियों सहित 166 लोग मारे गए थे।

By Manish PandeyEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 12:58 PM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 01:47 PM (IST)
प्रत्यर्पण से पहले तहव्वुर राणा की रिहाई का अमेरिका ने किया विरोध, कहा देश से भागने का जोखिम
तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण का अमेरिकी सरकार ने विरोध किया है।

वाशिंगटन, पीटीआइ। अमेरिकी सरकार ने कैलिफोर्निया की एक अदातल में मुंबई हमले में भगोड़ा घोषित पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यापारी तहव्वुर राणा की रिहई का विरोध किया है। अर्जी में कहा गया है कि उसके देश छोड़कर भागने का खतरा है। राणा कोरोना वायरस महामारी का लाभ उठाकर प्रत्यर्पण से पहले अपनी रिहाई का प्रयास कर रहा है, जबकि अधिवक्ता हना ने अर्जी देकर उसे फरवरी में सुनवाई होने तक हिरासत में ही रखने का अनुरोध किया है। वहीं, राणा के वकील ने अनुरोध किया है कि महामारी के मद्देनजर उसे रिहा कर दिया जाए। राणा के प्रत्यर्पण पर अमेरिका की अदालत में 12 फरवरी को सुनवाई होनी है। 

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डेविड कोलमैन हेडली के बचपन के दोस्त 59 वर्षीय राणा को लॉस एंजिल्स में 10 जून को 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले में भागीदारी के लिए भारत के अनुरोध पर फिर से गिरफ्तार किया गया था। इस हमले में छह अमेरिकियों सहित 166 लोग मारे गए थे और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। मुंबई हमले में शामिल तहव्वुर राणा मूल रूप से पाकिस्तान का रहने वाला है और वह दस साल सेना की चिकित्सा कोर में काम कर चुका है।

2006 से डली और तहव्वुर राणा ने पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों के साथ मिलकर हमले की साजिश रची थी। 2008 में 26 नवंबर को इस साजिश को अंजाम दिया गया था। पाकिस्तानी-अमेरिकी लश्कर आतंकवादी डेविड हेडली 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले की साजिश रचने में शामिल था। वह इस मामले में सरकारी गवाह बन गया था और फिलहाल हमले में अपनी भूमिका के लिए अमेरिका की जेल में 35 साल की सजा काट रहा है।

लॉस एंजिलिस के अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की जज जैकलीन शेलोनियन की अदालत में सोमवार को दी गई अर्जी में अमेरिकी अधिवक्ता निकोला टी. हना ने अदालत से राणा को रिहा करने का आवेदन खारिज करने का अनुरोध किया। वकील ने कहा कि राणा यह साबित करने में असफल रहे हैं कि वह देश छोड़कर नहीं भागेंगे और उनके प्रत्यर्पण की अर्जी लंबित होने के कारण विशेष परिस्थिति बन रही है और उसे हिरासत में रखना आवश्यक है।

पाकिस्तान में सम्मानित होना चाहता है राणा

अमेरिका सरकार ने एक संघीय अदालत को बताया है कि तहव्वुर राणा मुंबई आतंकी हमले में अपनी भूमिका के चलते अपने लिए पाकिस्तान का सर्वोच्च मेडल चाहता है। इतना ही नहीं वह चाहता है कि आतंकी हमले में शामिल लश्कर के नौ आतंकियों को भी पाकिस्तान का सर्वोच्च सैन्य सम्मान दिया जाए।


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