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जाते-जाते ट्रंप ने बढ़ाई भारतीय आइटी प्रोफेशनल्स की मुश्किलें, H1B वीजा से जुड़े नियम सख्त किए

अमेरिका ने एच 1बी वीजा से जुड़ी चयन प्रक्रिया में बदलाव किया है।माना जा रहा है कि इससे भारतीय आइटी प्रोफेशनल्स को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। नए नियमों के तहत मौजूदा लॉटरी सिस्टम की जगह वेतन और कौशल को प्राथमिकता मिलेगी।

By TaniskEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 03:26 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 03:26 PM (IST)
जाते-जाते ट्रंप ने बढ़ाई भारतीय आइटी प्रोफेशनल्स की मुश्किलें, H1B वीजा से जुड़े नियम सख्त किए
अमेरिका ने एच 1बी वीजा से जुड़े नियम सख्त किए।

वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका ने एच 1बी वीजा से जुड़ी चयन प्रक्रिया में बदलाव किया है। नए नियमों के तहत मौजूदा लॉटरी सिस्टम की जगह वेतन और कौशल को प्राथमिकता मिलेगी। माना जा रहा है कि इससे भारतीय आइटी प्रोफेशनल्स को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। नियमों में परिवर्तन से जुड़ी अधिसूचना संघीय रजिस्टर में प्रकाशित कर दी गई है। नए नियम 60 दिनों में प्रभावी हो जाएंगे। बता दें कि एच 1बी वीजा कार्यक्रम के लिए आवेदन करने का अगला चरण एक अप्रैल से शुरू हो रहा है। एच1 बी वीजा एक गैर- आप्रवासी वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों को विशिष्ट पदों पर रखने की अनुमति देता है। अमेरिका की तकनीकी कंपनियां इस वीजा के आधार पर भारत और चीन से प्रत्येक वर्ष हजारों की संख्या में कर्मचारियों की नियुक्त करती हैं।

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अधिकारियों ने कहा कि नियमों में बदलाव का उद्देश्य अमेरिकी श्रमिकों के आर्थिक हितों की सुरक्षा करना है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना है कि अस्थायी रोजगार कार्यक्रम से उच्च दक्षता रखने वाले विदेशी कर्मचारियों को लाभ हो। अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (यूएससीआइएस) ने कहा कि एच 1बी वीजा चयन प्रक्रिया में संशोधन से नियोक्ताओं को उच्च वेतन और उच्च पदों पर आवेदन जारी करने में प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही कंपनियों के लिए जरूरत के मुताबिक कर्मचारियों को रखने और खुद को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाए रखने का रास्ता प्रशस्त होगा। यूएससीआइएस के डिप्टी डायरेक्टर फॉर पॉलिसी जोसेफ एडलो ने कहा, 'एच 1बी अस्थायी वीजा कार्यक्रम का नियोक्ता दुरुपयोग कर रहे हैं। वे मुख्य रूप से प्राथमिक स्तर के पदों को भरने और अपनी कारोबारी लागत को घटाने में इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।'

अप्रवासियों को आने से रोकने का नवीनतम प्रयास

खास बात यह है कि यह अधिसूचना तब जारी की गई है जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के बमुश्किल दो सप्ताह बचे हैं। अधिसूचना को अमेरिका में अप्रवासियों को आने से रोकने का अंतिम प्रयास माना जा रहा है। हालांकि यह कहना जल्दबाजी होगी कि नियमों में संशोधन भारतीय कंपनियों को कैसे प्रभावित करेंगे, क्योंकि आने वाला बाइडन प्रशासन अधिसूचना में बदलाव कर सकता है। अभी तक अधिसूचना पर किसी भी कंपनी या उद्योगों से जुड़े किसी संगठन ने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है। पिछले सप्ताह ट्रंप ने एच 1बी वीजा सहित अन्य वीजा और ग्रीन कार्ड पर 31 मार्च तक रोक लगा दी थी। हालांकि 20 जनवरी को राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने वाले बाइडन ने एच 1बी वीजा पर लगी रोक हटाने का वादा किया है। बाइडन ने ट्रंप की आव्रजन नीतियों को क्रूर बताया है।

85 हजार एच 1बी वीजा होते हैं जारी

संसद द्वारा दी गई मंजूरी के मुताबिक यूएससीआइएस एक वर्ष में अधिकतम 65 हजार एच 1बी वीजा जारी कर सकता है। साथ ही उन विदेशी छात्रों के लिए 20 हजार एच 1बी वीजा और जारी कर सकता है, जिन्होंने स्टेम (एसटीईएम) विषयों में अमेरिकी विश्वविद्यालयों से अपनी पढ़ाई पूरी की है। डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी ने प्रस्तावित नियमों का मसौदा दो नवंबर 2020 को प्रकाशित किया था और इस पर आम लोगों से राय मांगी थी।


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