वाशिंगटन, एजेंसी। राष्ट्रपति जो बाइडन के डेलावेयर घर और पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के वाशिंगटन कार्यालय में मिले गोपनीय दस्तावेजों के बाद अब अमेरिकी न्याय विभाग व्हाइट हाउस की राजनीति के घेरे में फंसता दिख रहा है।बाइडन के घर मिले दस्तावेजों की जांच के लिए एक विशेष वकील की नियुक्ति की बात करते हुए अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने नियुक्ति को विशेष रूप से संवेदनशील जांच में स्वतंत्रता और जवाबदेही के लिए न्याय विभाग की प्रतिबद्धता को रेखांकित करने वाला बताया है। ये जांच जितनी भी स्वतंत्र क्यों न हो, लेकिन अब न्याय विभाग पर राजनीतिक आरोप लगने तय है।

ट्रंप के घर से मिले गोपनीय दस्तावेजों की भी हो रही जांच

गारलैंड ने नवंबर में ट्रंप के घर से मिले गोपनीय दस्तावेजों में जांच के लिए एक अलग विशेष वकील की नियुक्ति में इसी तरह के समान बातों का उल्लेख किया था। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की फ्लोरिडा संपत्ति, मार-ए-लागो में गुप्त रिकॉर्ड मिलने पर भी न्याय विभाग से स्वतंत्र जांच की बात कही थी, लेकिन तब भी ट्रंप ने कई आरोप लगाए थे। न्याय विभाग ने अतीत में भी व्हाइट हाउस के कई मामलों की जांच की है। लेकिन अब यह एक अनोखी घटना होने वाली है, क्योंकि इसमें दो राष्ट्रपतियों का शामिल होना है।

राजनीति में उलझा न्याय विभाग

दोनों मामलों में विशेष वकील की नियुक्ति इस बात को रेखांकित करता है कि कैसे एक न्याय विभाग जो लगभग दो शताब्दियों से बिना डरे या पक्षपात के मुकदमा चलाने के लिए माना जाता है, वो खुद को राष्ट्रपति की राजनीति में उलझा हुआ पा रहा है। भले ही गारलैंड ने गुरुवार को यह कहा कि विभाग अपनी "सामान्य प्रक्रियाएं" ईमानदारी के साथ कर रह हैं, लेकिन विशेष वकील की नियुक्ति एक वास्तविकता की ओर इशारा करती है जो दिखाती है कि जांच में गारलैंड के बॉस अलग हैं।

जनता को आश्वस्त करने के लिए गारलैंड दबाव में

विशेष वकील की नियुक्ति यह दिखाती है कि जनता को आश्वस्त करने के लिए गारलैंड दबाव में हैं और दिखाना चाहते हैं कि दोनों जांच समान तरीके से नियंत्रित की जा रही है। हालांकि, जानकारों का मानना है कि यह न केवल सही निर्णय है बल्कि एक विवेकपूर्ण निर्णय है।

इसलिए की गई विशेष वकील की नियुक्ति

बता दें कि न्याय विभाग के अटॉर्नी जनरल द्वारा स्मिथ और हूर जैसे "विशेष वकील" नियुक्त करने के लिए नए नियम लाए गए थे। इससे पहले भी कई ऐसे मामले आए हैं, जहां राष्ट्रपतियों की जांच की गई, लेकिन उसे स्वतंत्र नहीं पाया गया। इसलिए नई प्रणाली बनाई गई जिसका उद्देश्य एक स्वतंत्र अभियोजक के बजाय संवेदनशील जांच की अंतिम न्याय विभाग की निगरानी सुनिश्चित करना था जो अनियंत्रित और पर्यवेक्षण के बिना काम कर सके।

Edited By: Mahen Khanna