अमेरिकी न्याय विभाग ने Google के खिलाफ दायर किया एंटीट्रस्ट केस
गूगल ने ऑनलाइन सर्च और विज्ञापन में अपने प्रभुत्व का इस्तेमाल प्रतिस्पर्धा को खत्म करने और उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचाने में किया है जिसके बाद अमेरिका के न्याय विभाग ने मंगलवार को गूगल के खिलाफ एंटीट्रस्ट उल्लंघन का मामला दायर किया।
वाशिंगटन [एजेंसी)। अमेरिका के न्याय विभाग ने मंगलवार को गूगल के खिलाफ एंटीट्रस्ट उल्लंघन का मामला दायर किया। इसमें आरोप लगाया गया है कि गूगल ने ऑनलाइन सर्च और विज्ञापन में अपने प्रभुत्व का इस्तेमाल प्रतिस्पर्धा को खत्म करने और उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचाने में किया है। अमेरिका के डिप्टी अटॉर्नी जनरल जैफ रोसेन ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि गूगल इंटरनेट और सर्च एडवरटाइजिंग का प्रवेशद्वार है।
इसने बहिष्कार की शैली के जरिये अपनी एकाधिकारी शक्तियों को बरकरार रखा है जो प्रतिस्पर्धा के लिए नुकसानदायक है। उन्होंने कहा कि तकनीक के उद्योग में एंटीट्रस्ट मामलों को तेजी से चलाना होगा, अन्यथा हम इनोवेशन की अगली लहर को गवां देंगे। वहीं, गूगल ने ताजा घटनाक्रम पर तत्काल ट्वीट कर प्रतिक्रिया जाहिर की। गूगल ने कहा कि न्याय विभाग की इस याचिका में गंभीर खामियां हैं। लोग गूगल का इस्तेमाल इसलिए करते हैं क्योंकि उन्होंने इसे चुना है, न कि इसलिए कि उनके पास विकल्प नहीं है और उन्हें मजबूर किया गया है।
टाइम पत्रिका में गूगल के सीईओ टॉप 100 प्रभावशाली लोगों में शामिल
उधर, थोड़े दिन पहले गूगल और उसकी पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के सीइओ सुंदर पिचाई को टाइम पत्रिका ने 2020 के दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में शामिल किया था। जेपी मोर्गन चेज के सीइओ जैमी डाइमन ने पिचाई की जमकर तारीफ भी की थी। टाइम पत्रिका में डाइमन ने कहा था कि युवावस्था में भारत से अमेरिका आए पिचाई ने एक लाख करोड़ डॉलर की कंपनी के सीइओ बनने तक का शानदार सफर तय किया है। उन्होंने पिचाई को बहुत बड़ा प्रेरणास्रोत करार दिया। डाइमन ने लिखा था कि पिचाई अपनी नैसर्गिक क्षमता और कार्य सिद्धांतों की बदौलत गूगल में आगे बढ़े। उन्होंने ड्राइव, जीमेल और मैप्स जैसे बेहद सफल प्रोडक्ट्स की अगुवाई की और आधिकारिक तौर पर पिछले साल दिसंबर में पूरी कंपनी की कमान संभाली थी।