एच1बी वीजा के प्रावधानों में बदलाव की तैयारी में अमेरिका
अमेरिका के शिक्षण संस्थानों से स्नातकोत्तर और इससे ऊपर शिक्षा पाने वालों के लिए एच1बी वीजा का रास्ता और आसान होने जा रहा है।अमेरिकी प्रशासन ने इसमें बदलाव का प्रस्ताव दिया है।
वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका के शिक्षण संस्थानों से स्नातकोत्तर और इससे ऊपर शिक्षा पाने वालों के लिए एच1बी वीजा का रास्ता और आसान होने जा रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अगुआई में अमेरिकी प्रशासन ने वीजा प्रावधानों में बदलाव का प्रस्ताव दिया है। इससे कुशल और उच्च शिक्षा प्राप्त लोगों को ज्यादा मौका मिल सकेगा। अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (डीएचएस) ने यह बात कही। इस प्रस्ताव पर संबंधित पक्ष तीन दिसंबर से दो जनवरी के बीच अपनी राय दे सकेंगे।
एच-1बी वीजा एक नॉन-इमिग्रैंट वीजा है जो अमेरिका में कार्यरत कंपनियों को अपने यहां तकनीकी दक्षता वाले विदेशी पेशेवरों की नियुक्ति की अनुमति देता है। अमेरिका में टेक्नोलॉजी कंपनियां हर साल इसी वीजा के जरिये भारत और चीन जैसे देशों के हजारों कर्मचारियों को अपने यहां नियुक्ति देती हैं। भारतीय आइटी कंपनियों और पेशेवरों में यह लोकप्रिय वीजा है। हर वित्त वर्ष में इस श्रेणी के लिए 65,000 वीजा जारी किए जाते हैं। अमेरिकी संस्थानों से मास्टर्स डिग्री या इससे ऊंची शिक्षा प्राप्त करने वाले विदेशी छात्रों के पहले 20,000 आवेदनों को इस सीमा से बाहर रखा जाता है।
नए प्रस्ताव में इस नियम को बदलने की बात है। इसके तहत पहले सभी आवेदनों को 65,000 की सीमा में गिना जाएगा। यह सीमा पूरी होने के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त पेशेवरों के लिए तय 20,000 हजार वाली सीमा पूरी की जाएगी। ऐसा होने से अमेरिकी संस्थानों से ऊंची शिक्षा पाने वाले लोगों के लिए मौका बढ़ जाएगा। डीएचएस का अनुमान है कि नियम में बदलाव से अमेरिकी संस्थानों से उच्च शिक्षा पाने वाले करीब 5,340 अतिरिक्त विदेशी छात्र लाभान्वित होंगे। नए नियमों के तहत कंपनियों को आवेदन के लिए पहले यूएस सिटीजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआइएस) पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा।