अमेरिका में पोस्टल सर्विस बिल को लेकर सियासी घमासान तेज, शनिवार को होगा प्रतिनिधि सभा में मतदान
इस मतदान में न केवल डाक सेवा पर फैसला होगा बल्कि राष्ट्रपति चुनाव के पूर्व अमेरिका के दोनों प्रमुख राजनीतिक दल अपनी शक्ति का प्रदर्शन भी करेंगे।
वाशिंगटन एजेंसी। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के पूर्व पोस्टल सर्विस बिल पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच चल रही जंग अब नए मोड़ पर पहुंच गई है। शनिवार को प्रतिनिधि सभा में चर्चित डाक सेवा बिल पर मतदान होगा। इस मतदान में न केवल डाक सेवा पर फैसला होगा, बल्कि राष्ट्रपति चुनाव के पूर्व अमेरिका के दोनों प्रमुख राजनीतिक दल अपनी शक्ति का प्रदर्शन भी करेंगे। गौरतलब है कि अमेरिका में नवंबर में होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव पर कोरोना महामारी के कारण संकट आया हुआ है। कोरोना के बीच ये तय नहीं हो सका है कि चुनाव में किस तरीके से मतदान हो, जो नागरिकों के लिए सुरक्षित रहे। विपक्ष डाक के जरिए वोट देने पर अडिग है। लेकिन खुद अमेरिकी डाक विभाग ने इससे हाथ खड़े कर दिए हैं। उनका कहना है कि वो सभी मतपत्रों की गिनती की गारंटी नहीं दे सकता।
डाक सेवा प्रमुख पोस्टमास्टर जनरल रखेंगेे अपना पक्ष
उधर, मंगलवार को डाक सेवा प्रमुख पोस्टमास्टर जनरल लुईस डीजॉय भी कांग्रेस के सामने उपस्थित होने के लिए राजी हो गए थे। अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी लगातार इस बात की मांग कर रही है कि डीजॉय को कांग्रेस और प्रतिनिधि सभा की समिति के समक्ष पेश होकर अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए। समिति डाक सेवा में आए बदलाव की जांच कर रही है, जिसके चलते मेल इन बैलेट प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो रही है। विपक्ष ने डीजॉय पर यह आरोप लगाया है कि वह राष्ट्रपति ट्रंप के इशारे पर काम कर रहे हैं और राष्ट्रपति चुनाव में मेल इन बैलेट प्रक्रिया को बाधित कर रहे हैं। विपक्ष ने उन पर यह आरोप तब लगाया, जब डाक प्रमुख ने डेमोक्रेट्स की मांग पर सवाल उठाते हुए मले इन बैलेट प्रक्रिया के लिए हाथ खड़े कर दिए थे।
नैन्सी का दावा, कुछ रिपब्लिकन भी उनके साथ
डेमोक्रेटिक पार्टी की बहुमत वाली प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी ने सोमवार को अपने एक साक्षात्कार में कहा था कि कुछ रिपब्लिकन भी उनके इस प्रस्ताव का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में हम मेल इन बैलेट के जरिए ही मतदान करेंगे। उन्होंने विश्वास जताया कि यह प्रक्रिया पूरी तरह से सफल होगी। नैन्सी ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में मतदान के लिए हम राष्ट्रपति ट्रंप पर निर्भर नहीं रह सकते। डेमोक्रेट्स ने चिंता जताई है कि डाक सेवा में ओवर टाइम की कटौती, अतिरिक्त मेल परिवहन सेवा पर प्रतिबंध और वितरण नीतियों के बदलाव के कारण मेल डिलीवरी को जानबूझ कर धीमा किया जा रहा है। डेमोक्रेट्स का दावा है कि राष्ट्रपति ट्रंप बार-बार और बिना सबूत के इस प्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं।
ट्रंप को डाक व्यवस्था पर भरोसा नहीं
अमेरिकी राष्ट्रपति बड़े पैमाने पर डाक के जरिए मतदान कराने के खिलाफ हैं। इसीलिए ट्रंप कहते आए हैं कि लोग मेलबॉक्स से बैलेट निकाल सकते हैं और कई तरह की हेराफेरी कर सकते हैं। इसका असर चुनाव नतीजों पर पड़ सकता है। ट्रंप ने दावा किया कि मेल इन बैलेट की प्रक्रिया विश्वसनीय नहीं है। उन्होंने कहा कि मतदान की इस प्रक्रिया से आगामी राष्ट्रपति चुनाव में व्यापक धोखाधड़ी का खतरा उत्पन्न हो सकता है। उदाहरण के लिए न्यूयॉर्क कांग्रेस की प्राथमिक दौड़ का हवाला दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा है कि अमेरिकी डाक सेवा दशकों से विफल रही है।
आखिर क्या है पोस्टल वोटिंग की प्रक्रिया
डाक के जरिए वोटिंग एक खास प्रक्रिया है। इसके जरिए डाक द्वारा अपना मत दिया जाता है। इसमें डिमांड करने पर वोटिंग लिस्ट से जुड़े हर मतदाता के पास एक खाली डाक मतपत्र आता है। यानी जिन लोगों को यह भय है कि बूथों पर जाने से उन्हें संक्रमण हो सकता है वे डाक मतपत्र के जरिए मतदान कर सकते हैं। उधर, अमेरिकी डाक विभाग कह रहा है कि इस प्रक्रिया से डाक विभाग पर अनावश्यक बोझ बढ़ेगा। उनके मतों की गिनती होना बहुत मुश्किल भरा होगा क्योंकि क्षमता की कमी है।