H1B वीजा पर अटकलों के बीच अमेरिकी सरकार ने जारी किया बयान, भारत के लिए खुशखबरी
इससे पहले एच-1 बी वीजा को लेकर अमेरिका ने भारत से कहा था कि वो इनकी संख्या को सीमित करने पर विचार कर रहा है।
वॉशिंगटन, एएनआइ। एच-1 बी वीजा पर जारी अटकलों के बीच अमेरिकी सरकार की ओर से इस पर बयान आया है। अमेरिका ने कहा है कि उसके पास उन देशों के लिए एच-1 बी वर्क वीजा पर कैप लगाने की कोई योजना नहीं है, जो विदेशी कंपनियों को स्थानीय स्तर पर डेटा स्टोर करने के लिए मजबूर करते हैं। यह समीक्षा किसी विशिष्ट देश को टारगेट करते हुए नहीं की गई है। अमेरिकी सरकार ने कहा है कि एच1बी वीजा को लेकर कोई भी कैप लिमिट नहीं बनाई गई है। इसके साथ अमेरिका ने कहा कि विदेशी कंपनियों को लोकल स्तर पर डाटा स्टोर करने के लिए मजबूर करने वाले देशों पर एच1बी वर्क वीजा पर कैप लगाने की कोई योजना नहीं है।
US Government Statement on H1B: US has no plans to place caps on H-1B work visas for nations that force foreign companies to store data locally. This review is not targeted at a specific country.
— ANI (@ANI) June 21, 2019
वहीं अमेरिका ने एच 1बी वीजा पर भारत को लेकर कहा है कि 'यह नीति भारत के साथ सीमाओं पर डेटा के मुक्त प्रवाह को सुनिश्चित करने के महत्व के बारे में हमारी चल रही चर्चाओं से पूरी तरह से अलग है।
US Government Statement on H1B: It is completely separate from our ongoing discussions with India about the importance of ensuring the free flow of data across borders.
— ANI (@ANI) June 21, 2019
यह फैसला ऐसे वक्त किया जा रहा है जब अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो भारत के दौरे पर आने वाले हैं। माना जा रहा है कि अमेरिका ऐसा बदले की भावना से कर रहा है। दरअसल, हाल ही के दिनों में टैरिफ वॉर के चलते भारत और अमेरिका के बीच संबंधों पर तलखी आ गई है। हाल ही में रविवार को भारत ने अमेरिकी समानों पर ज्यादा टैक्स लगाने का ऐलान कर दिया है। भारत ने यह कदम तब उठाया है जब पिछले दिनों अमेरिका ने भारत को व्यापार में मिलने वाली कुछ छूटों खत्म कर दिया था।
अमेरिका ने बुधवार को भारत के दो सीनियर अधिकारियों को अमेरिका ने वीजा पाबंदी के बारे में जानकारी दी। अब से कोटे के तहत सिर्फ 10-15 फीसदी भारत के लोगों को एच वन बी वीजा दिया जाएगा। जबकि अमेरिका हर साल 85000 लोगों को एच वन बी वीजा देता है। जिसमें से 70 फीसदी वीजा भारत के लोगों को दिया जाता है
जानें डेटा को लेकर क्या है नया नियम
दरअसल, विदेशी कंपनियों से कहा जाता है कि वह भारत में ही अपना डेटा रखे ऐसा करने से कंपनियों पर नियंत्रण करने में आसानी होती है। लेकिन विदेशी कंपनियों की ताकत कम हो जाती है। अमेरिका की कंपनियां इससे नाखुश है। वह भारत के इस नए डेटा नियम से नाराज है। मास्टरकार्ड ने डेटा स्टोरेज के इस नए नियम पर आपत्ति जताई है।
क्या है एच-1बी वीजा
इस वीजा के जरिये अमेरिकी कंपनियों को उन क्षेत्रों में उच्च कुशल विदेशी पेशेवरों को नौकरी पर रखने की अनुमति मिलती है जिनमें अमेरिकी पेशेवरों की कमी है। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही इस पर लगाम कसी जा रही है। हर साल कुल 85 हजार एच-1बी वीजा जारी किए जाते हैं। यह वीजा तीन साल के लिए जारी होता है और छह साल तक इसकी अवधि बढ़ाई जा सकती है।
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