धार्मिक आजादी पर अमेरिकी विदेश मंत्री ने चीन को घेरा
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने चीन में उइगर मुस्लिमों और तिब्बती बौद्धों के दमन के बारे में पूछे गए सवाल पर दिया।
वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने धार्मिक आजादी के मुद्दे पर चीन को घेरते हुए कहा कि वह गलत पक्ष में खड़ा है। धार्मिक आजादी मौलिक मानवाधिकार है। अमेरिका किसी भी देश में धार्मिक असहिष्णुता का विरोध करता है। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि ट्रंप प्रशासन रोहिंग्या शरणार्थी संकट पर म्यांमार के खिलाफ कई कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है।
पोंपियो का यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिकी विदेश मंत्रालय धार्मिक स्वतंत्रता के मसले पर तीन दिवसीय सम्मेलन करने जा रहा है। पोंपियो ने शुक्रवार को कहा, 'विदेश मंत्रालय ने यह साफ किया है कि वह इस मुद्दे (धार्मिक आजादी) का सम्मान करता है।
धार्मिक स्वतंत्रता खतरे में
हमारा मानना है कि वे (चीन) धार्मिक आजादी के गलत पक्ष में हैं।' उन्होंने यह जवाब चीन में उइगर मुस्लिमों और तिब्बती बौद्धों के दमन के बारे में पूछे गए सवाल पर दिया। उन्होंने कहा, 'दुनिया के कई स्थानों पर धार्मिक स्वतंत्रता खतरे में है। इसके बावजूद अमेरिका के चीन समेत कई देशों के साथ आर्थिक, सैन्य और राजनीतिक मुद्दों पर मिश्रित संबंध हैं। अमेरिका हर देश के साथ चर्चा में मानवाधिकार के मौलिक अधिकार धार्मिक आजादी को केंद्र में रखता है। ट्रंप प्रशासन धार्मिक आजादी को बढ़ावा देने को लेकर काफी सशक्त है।'
चीन में मुस्लिमों, बौद्धों का दमन
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के अनुसार, चीन ने शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों के धार्मिक क्रिया-कलापों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। देश में तिब्बती बौद्धों के धार्मिक अधिकारों का भी दमन किया जा रहा है।