US Election 2020: अमेरिका में ट्रंप को पुलिस यूनियनों का समर्थन, अश्वेत पुलिसकर्मियों ने जताया विरोध
US Election 2020 इन एजेंसियों में बीते तीन दशकों में अल्पसंख्यक पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़कर पूर्व की तुलना में दो गुने से ज्यादा हो गई है। लेकिन बहुत सी एजेंसियां ऐसी हैं जिनमें अश्वेतों और अन्य अल्पसंख्यकों की संख्या बहुत कम है।
फिलाडेल्फिया, एपी। अमेरिका में पुलिस यूनियनों ने चुनाव में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थन की घोषणा कर दी है। लेकिन बड़ी संख्या में अश्वेत पुलिस अधिकारियों ने इस फैसले की मुखालफत भी की है। कुछ महीने पहले अश्वेत बंदी जॉर्ज फ्लॉएड की श्वेत पुलिसकर्मी द्वारा हत्या किए जाने के बाद भड़के राष्ट्रव्यापी विरोध के बाद पुलिस यूनियनों का ताजा फैसला कई सवाल उठा रहा है। अमेरिका में पुलिस यूनियनों का इस तरह का राजनीतिक समर्थन पहली बार सामने आया है। पुलिस यूनियनों का यह फैसला उन्हें ट्रंप के लगातार समर्थन के बाद आया है।
अश्वेत बंदी की हत्या के बाद जब पूरे अमेरिका में विरोध प्रदर्शन हो रहे थे तब राष्ट्रपति के तौर पर ट्रंप ने कहा था- पुलिस पर नस्लीय भेदभाव का आरोप लगाना गलत है। पुलिस जिम्मेदारी के साथ अपना काम करती है। अमेरिका में आठ हजार से ज्यादा कानून व्यवस्था को संभालने वाली एजेंसियां हैं। इनमें ज्यादातर राष्ट्रीय स्तर पर कार्य करती हैं। इन एजेंसियों में बीते तीन दशकों में अल्पसंख्यक पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़कर पूर्व की तुलना में दो गुने से ज्यादा हो गई है। लेकिन बहुत सी एजेंसियां ऐसी हैं जिनमें अश्वेतों और अन्य अल्पसंख्यकों की संख्या बहुत कम है।
इसके विरोध में पुलिस विभाग में भी अश्वेत पुलिसकर्मियों की यूनियन खड़ी हो गई हैं और वे इस विभागीय भेदभाव को खत्म करने की मांग समय-समय पर उठाती रहती हैं। रिपब्लिकन पार्टी के प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप के समर्थन पर फिलाडेल्फिया की गार्जियन सिविक लीग की पूर्व अध्यक्ष रचेल बिलाल ने कहा, ट्रंप के प्रति हमारी सोच को महत्व नहीं दिया गया और उन्हें समर्थन देने की घोषणा कर दी गई।
ट्रंप हमारी तरफ कोई ध्यान नहीं देते, हमें बेहतर भुगतान की भी उन्होंने कभी चिंता नहीं की। ऐसे में राष्ट्रीय पुलिस संगठनों का ट्रंप को समर्थन देना हम पर जुल्म करने जैसा है। बिलाल 2019 में निर्वाचित फिलाडेल्फिया की पहली अश्वेत महिला शेरिफ हैं। रॉब प्राइड नाम के एक अन्य अश्वेत पुलिस अधिकारी ने यूनियनों के फैसले पर नाराजगी जाहिर की है और इसे भयावह बताया है।