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US Election 2020: अमेरिकी चुनाव में चला पीएम मोदी का जादू, भारतवंशियों पर केंद्रित रही राजनीति

हालिया शोध से यह उजागर हुआ है कि भारतीय अमेरिकी जो पारंपरिक रूप से डेमोक्रेट के लिए वोट करते हैं उनका झुकाव रिपब्लिकन पार्टी की ओर हुआ है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sat, 05 Sep 2020 09:02 AM (IST)Updated: Sat, 05 Sep 2020 10:27 AM (IST)
US Election 2020: अमेरिकी चुनाव में चला पीएम मोदी का जादू, भारतवंशियों पर केंद्रित रही राजनीति
US Election 2020: अमेरिकी चुनाव में चला पीएम मोदी का जादू, भारतवंशियों पर केंद्रित रही राजनीति

वाशिंगटन, एजेंसी। US Election 2020: शुक्रवार को अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव के दौरान पूरी राजनीति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और  भारतवंसियों पर केंद्रीत रही। नस्‍लीय हिंसा से मुड़कर यह भारतवंशियों पर आ टिकी। प्रधानमंत्री एक बार फ‍िर अमेरिकी राजनीति में छाए रहे। अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की मीडिया ब्रीफ‍िंग के दौरान प्रधानमंत्री मोदी केंद्र में रहे। मोदी के व्‍यक्तित्‍व का गुणगान करते हुए व्‍हाइट हाउस में ट्रंप यहां तक बोल गए कि हमें भारत से बहुत समर्थन मिला है। हमें प्रधानमंत्री मोदी का बहुत समर्थन है। मुझे लगता है कि भारतीय (अमेरिकी) लोग ट्रंप के लिए मतदान करेंगे। उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हमला करते हुए डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन ने शुक्रवार को कहा कि ट्रंप के पास खुद के अलावा अन्य कोई सेवा की भावना नहीं है। 

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ट्रंप और मोदी की दोस्‍ती से बदल गया चुनावी समीकरण 

अमेरिका में एक हालिया शोध से यह उजागर हुआ है कि भारतीय अमेरिकी जो पारंपरिक रूप से डेमोक्रेट के लिए वोट करते हैं, उनका झुकाव रिपब्लिकन पार्टी की ओर हुआ है। शोध में कहा गया है कि भारतीय अमेरिकी अब रिपब्लिकन पार्टी के लिए महत्‍वपूर्ण संख्‍या में तब्‍दील हो रहे हैं। इसके पीछे सबसे कारण मोदी और ट्रंप की दोस्‍ती है। भारतीय समुदाय के एक बड़े हिस्‍से में दोनों नेताओं की दोस्‍ती का बड़ा प्रभाव है। ट्रंप और मोदी की दोस्‍ती भारतीयों के बीच बहुत लोकप्रिय है। बता दें कि अमेरिका में भारतवंसियों की संख्‍या करीब 40 लाख के पास है। इसमें से 20.5 लाख लोग मतदान के योग्‍य हैं।

डेमोक्रेटिक ने चला कमला हैरिस का कार्ड 

अमेरिकी सियासत में भारतवंसियों का दबदबा है। यह अमेरिकी राजनीति में देखने को भी मिलता है। राष्‍ट्रपति चुनाव में डेमोक्रटिक पार्टी ने उप राष्‍ट्रपति पद के लिए कमला हैरिस का नाम आगे लाकर भारतवंसियों के वोट को लुभाने की कोशिश की है। कमला हैरिस भारतीय मूल की अमेरिकी हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी ने कमला हैरिस को चुनाव में उतार कर 205 लाख भारतीय मूल के मतदाताओं को रिझाने की कोशिश की है। हालिया रिपोर्ट में जिसमें भारतवंसियों का झुकाव रिपब्लिकन की ओर दिखाया गया है, निश्चित रूप से डेमोक्रेटिक के लिए चिंता का सबब बन सकती है। हालां‍कि डेमोक्रेट्स ने दावा किया कि भारतवंसी उनके पारंपरिक वोट बैंक है। वह उनके साथ ही रहेगा। 

ट्रंप ने लिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दोस्‍ती का सहारा 

इस बीच राष्‍ट्रपति ट्रंप के चुनावी अभियान से जुड़े लोगों का मानना है कि इसमें भारतीय एक महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। विशेष रूप से मिशिगन, पेंसिल्वेनिया और ओहियो जहां दो प्रतिद्वंद्वी अभियान हर वोट के लिए जूझ रहे होंगे। भारतीय वोटों के लिए ट्रंप ने मोदी की दोस्‍ती का सहारा लिया है। राष्‍ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी दोस्‍ती का हवाला देते हुए कहा कि '3 नंवबर के राष्‍ट्रपति चुनाव में भारतीय अमेरिका उनके लिए मतदान करेंगे। उन्‍होंने कहा कि हमें भारत से बहुत समर्थन मिला है। हमें प्रधानमंत्री मोदी का बहुत समर्थन है। मुझे लगता है कि भारतीय (अमेरिकी) लोग ट्रंप के लिए मतदान करेंगे।' भारतवंसियों को लुभाने के लिए ट्रंप के बेटे और बेटी भी इस अभियान का हिस्‍सा बन सकते हैं। डोनाल्ड जे ट्रम्प जूनियर और इवांका भारतीयों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। 

बिडेन ने चुनाव में कोरोना महामारी से मौत को बनाया मुद्दा 

उधर, डेमोक्रेटिक प्रत्याशी और पूर्व अमेरिकी उपराष्ट्रपति जो बिडेने ने कोरोना महामारी को लेकर राष्‍ट्रपति ट्रंप को घेरा है। उन्‍होंने अमेरिका में कोरोना वायरस के प्रसार के लिए राष्‍ट्रपति ट्रंप को सीधे तौर पर जिम्‍मेदार ठहराया है। पूर्व उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि इसके लिए राष्‍ट्रपति ट्रंप की नीतियां पूरी तरह से जिम्‍मेदार है। बिडेन ने कहा कि ट्रंप की खराब नीतियों के कारण ही आज देश में कामकाजी अमेरिकी होना जीवन और मौत का व‍िषय बन गया है। बिडेन ने कहा कि ट्रंप के राज में कोई अमेरिकी सुरक्षित नहीं है। बिडेने ने जोर देकर कहा कि कोरोना वायरस के कारण अमेरिका में जितनी मौत हुई हैं वह द्वितीय विश्‍व युद्ध के समय में भी नहीं हुई। बिडेन ने इस दौरान कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप  के कार्यकाल में अश्वेत, लैटिन, एशियाई अमेरिकी और मूल अमेरिकी श्रमिक वर्ग के लोगों के साथ-साथ श्वेत श्रमिक वर्ग के लोगों पर भी प्रभाव पड़ा है।    


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