अफगानिस्तान सरकार के गिरने के बाद तालिबान से नकदी को दूर रखने के लिए अमेरिकी प्रयास जारी
मामले पर जानकारी रखने वाले एक अमेरिकी अधिकारी ने सीएनएन को बताया कि अफगान सेंट्रल बैंक की संपत्ति का विशाल अमाउंट अफगानिस्तान में नहीं है। तालिबान की पहुंच से अमेरिका में संपत्तियों को अनिवार्य रूप से अवरुद्ध कर दिया गया है।
वाशिंगटन, एएनआइ। काबुल के तालिबान के हाथों में पड़ने के बाद से अमेरिका तालिबान से नकदी दूर रखने के लिए कदम उठा रहा है। अधिकारियों ने सीएनएन को बताया कि अमेरिकी ट्रेजरी ने फेडरल रिजर्व और अन्य अमेरिकी बैंकों द्वारा प्रबंधित नकद भंडार को तालिबान के हाथों से रोकने के लिए कदम उठाए हैं।
सीएनएन ने इस सप्ताह की शुरुआत में बताया था कि रविवार को अफगानिस्तान सरकार के अचानक गिरने से पिछले प्रशासन के कई दिग्गजों ने अफगान सेंट्रल बैंक की संपत्ति के बारे में सवाल उठाए थे और पूछा था क्या किसी प्रकार से कोई पैसा तालिबान के हाथों में लगकर खराब हो सकता है।
मामले पर जानकारी रखने वाले एक अमेरिकी अधिकारी ने सीएनएन को बताया कि अफगान सेंट्रल बैंक की संपत्ति का विशाल अमाउंट अफगानिस्तान में नहीं है। तालिबान की पहुंच से अमेरिका में संपत्तियों को अनिवार्य रूप से अवरुद्ध कर दिया गया है।
अलग से, बाइडन प्रशासन के एक अधिकारी ने रविवार को कहा था कि संयुक्त राज्य अमेरिका में अफगान सरकार की कोई भी संपत्ति तालिबान को उपलब्ध नहीं कराई जाएगी।
इस बीच, व्हाइट हाउस का मानना है कि तालिबान अमेरिकी हथियारों को वापस नहीं करेगा जो उसने अफगान बलों से कब्जा लिए हैं। वाशिंगटन में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बताया गया कि बाइडन प्रशासन का मानना है कि अमेरिका ने अफगानिस्तान को जो हथियार दिए हैं, उनमें से कुछ तालिबान के कब्जे में है और उन्हें उम्मीद नहीं है कि वे अमेरिका को वापस करेंगे।
बताया गया कि हमारे पास इसकी पूरी जानकारी नहीं है कि रक्षा से जुड़ा सारा सामान कहा गया। लेकिन एक उचित मात्रा में उपकरण तालिबान के हाथों में पड़ गए हैं और जाहिर है, हमें यह समझ नहीं आ रहा है कि वे हवाई अड्डे पर इसे आसानी से हमें सौंपने जा रहा हैं या नहीं।
बता दें कि रविवार को काबुल में राष्ट्रपति भवन में घुसकर आतंकी समूह ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया। तालिबान नेता दोहा में भविष्य की सरकारी योजनाओं पर चर्चा कर रहे हैं और अफगानिस्तान में सरकार बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय और अंतर-अफगान पार्टियों के संपर्क में हैं। दुनिया अफगानिस्तान की स्थिति को करीब से देख रही है। देशों द्वारा अपने लोगों को सुरक्षित निकालने का प्रयास जारी है।