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अमेरिकी रक्षा मंत्री एस्पर ने कहा- चीन की सेना दक्षिण चीन सागर में आक्रामक रुख अपना रही

चीन अन्य देशों से कह रहा है कि आप ये मास्क लीजिए लेकिन कृपा कर सार्वजनिक तौर पर यह कहिए कि हम कितना अच्छा काम कर रहे हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 06 May 2020 07:01 PM (IST)Updated: Wed, 06 May 2020 08:14 PM (IST)
अमेरिकी रक्षा मंत्री एस्पर ने कहा- चीन की सेना दक्षिण चीन सागर में आक्रामक रुख अपना रही
अमेरिकी रक्षा मंत्री एस्पर ने कहा- चीन की सेना दक्षिण चीन सागर में आक्रामक रुख अपना रही

वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने आरोप लगाया है कि चीन की सेना दक्षिण चीन सागर में आक्रामक रुख अपना रही है। इतना ही नहीं, चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने कोरोना वायरस को लेकर उस पर लग रहे आरोपों से ध्यान भटकाने और अपनी छवि सुधारने के लिए झूठी सूचनाएं फैलाने का अभियान तेज कर दिया है।

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एस्पर ने कहा-हम दक्षिण चीन सागर में पीएलए का आक्रामक व्यवहार लगातार देख रहे हैं

रक्षा मंत्रालय पेंटागन में मंगलवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में एस्पर ने कहा, 'हम दक्षिण चीन सागर में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का आक्रामक व्यवहार लगातार देख रहे हैं। फिलीपींस के सैन्य पोत को धमकाने, मछलियां पकड़ने वाली वियतनाम की नौका को डुबोने और अन्य देशों को तेल व गैस संबंधी गतिविधियों को लेकर डराने-धमकाने के मामले उसके इसी व्यवहार को दर्शाते हैं। वैश्विक महामारी के कारण जहां कई देश अपने आंतरिक मामलों से जूझ रहे हैं, वहीं अमेरिका का रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी अपने लाभ की खातिर दूसरों की कीमत पर इस संकट का फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है।' उन्होंने कहा कि पिछले सप्ताह अमेरिकी नौसेना के दो युद्धपोतों ने दक्षिण चीन सागर में स्वतंत्र विचरण कर यह संदेश दिया कि हम बड़े और छोटे सभी देशों के वाणिज्यिक हित की रक्षा करना जारी रखेगा।

शुरुआत से पारदर्शी नहीं रहा चीन

एक प्रश्न के जवाब में एस्पर ने कहा, चीन कोरोना वायरस को लेकर शुरुआत से ही पारदर्शी नहीं रहा। यदि चीन अधिक पारदर्शी रहा होता तो हम इस वायरस को समझ पाते और संभवत: दुनिया इस स्थिति में नहीं होती। चीन को अमेरिका को इस बीमारी के शुरुआती मरीजों, चीनी अनुसंधानकर्ताओं और वैज्ञानिकों से बात करने और उन तक पहुंच की अनुमति देनी चाहिए।

बेहतर गुणवत्ता के नहीं हैं चीन के मास्क 

एस्पर ने कहा, 'उसने जो कुछ भी किया या वह जो कुछ भी करने में असफल रहा, उसके बाद अब वह यह कहना चाहता है कि हमारे पास मास्क हैं। हम आपको मास्क देंगे, हम आपको यह देंगे, वह देंगे, हम आपको आर्थिक मदद देंगे। देखिए, हम कितनी अच्छी चीजें कर रहे हैं। लेकिन हम जानते हैं कि वह जो मास्क मुहैया करा रहा है, वे अच्छी गुणवत्ता के नहीं हैं। चीन अन्य देशों से कह रहा है कि आप ये मास्क लीजिए, लेकिन कृपा कर सार्वजनिक तौर पर यह कहिए कि हम कितना अच्छा काम कर रहे हैं। वह कई चीजों से अपनी छवि बेहतर बनाने की कोशिश कर रहा है। 


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