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रक्षा मंत्री ने कहा- अमेरिका की भारत के साथ सैन्य साझेदारी होगी और मजबूत, ऑस्टिन के नाम पर लगाई संसद ने मुहर

अमेरिका में नियम है कि कोई भी सैन्य अधिकारी सेवानिवृत्ति के सात वर्षों तक रक्षा मंत्री नहीं बन सकता है। अगर सरकार को इस पद पर नियुक्ति करनी है तो उसके लिए संसद के दोनों सदनों (प्रतिनिधि सभा और सीनेट) से मंजूरी की आवश्यकता होती है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 07:47 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 10:28 PM (IST)
रक्षा मंत्री ने कहा-  अमेरिका की भारत के साथ सैन्य साझेदारी होगी और मजबूत, ऑस्टिन के नाम पर लगाई संसद ने मुहर
रक्षा मंत्री नामित किए गए ऑस्टिन के नाम पर लगाई संसद ने मुहर।

न्यूयॉर्क,एजेंसी। अमेरिका के रक्षा मंत्री के तौर पर नामित किए गए लॉयड ऑस्टिन ने कहा है कि बाइडन प्रशासन का लक्ष्य भारत के साथ अमेरिका की सैन्य साझेदारी को और मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि भारत विरोधी आतंकी समूहों (जैश-ए-मुहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा) पर पाकिस्तान द्वारा की गई कार्रवाई अधूरी है।

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रक्षा मंत्री नामित किए गए ऑस्टिन के नाम पर लगाई संसद ने मुहर 

दरअसल, अमेरिका में नियम है कि कोई भी सैन्य अधिकारी सेवानिवृत्ति के सात वर्षों तक रक्षा मंत्री नहीं बन सकता है। अगर सरकार को इस पद पर नियुक्ति करनी है तो उसके लिए संसद के दोनों सदनों (प्रतिनिधि सभा और सीनेट) से मंजूरी की आवश्यकता होती है। ऑस्टिन वर्ष 2016 में सेना प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। गुरुवार को हुई वोटिंग में दोनों सदनों ने उनके नाम पर मुहर लगा दी। वह अफ्रीकी मूल के पहले ऐसे व्यक्ति बन गए हैं, जो इस पद पर पहुंचे हैं। इससे पहले संसद ने दो बार इस तरह की छूट दी है। चार वर्ष पहले जब राष्ट्रपति ट्रंप ने रिटायर्ड मरीन कॉ‌र्प्स जनरल जिम मैटिस को अपना पहला रक्षा मंत्री बनाने का फैसला किया था तब भी संसद की मंजूरी की आवश्यकता पड़ी थी।

ऑस्टिन ने कहा- आतंकियों को पनाह नहीं मिले, इसके लिए इमरान सरकार पर बनाएंगे दबाव

ऑस्टिन ने कहा है कि पाकिस्तान की जमीन पर आतंकियों को पनाह नहीं मिले, इसके लिए भी पाकिस्तान पर दबाव बनाया जाएगा। सेवानिवृत्त जनरल लॉयड ऑस्टिन मंगलवार को अपने नाम पर मुहर लगवाने के लिए सीनेट आ‌र्म्ड कमेटी के सामने पेश हुए थे। इस दौरान एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'मैं आगे भी भारत के प्रमुख रक्षा साझेदार के दर्जे को बरकरार रखूंगा। इतना ही नहीं अमेरिका और भारतीय सेना के आपसी हितों के लिए सहयोग भी यथावत चलता रहेगा।'

ऑस्टिन ने कहा- भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत बनाने की कोशिश करेंगे

ऑस्टिन ने कहा कि वे क्वाड सिक्योरिटी डायलॉग और अन्य क्षेत्रीय बैठकों के माध्यम से भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत और व्यापक बनाने की भी कोशिश करेंगे। ऑस्टिन ने कहा कि उनको लगता है कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया के समर्थन में अमेरिकी अनुरोधों को पूरा करने के लिए कदम उठाए हैं। साथ ही उसने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद जैसे भारतीय विरोधी आतंकी समूहों के खिलाफ भी कार्रवाई की है, लेकिन यह प्रगति अधूरी है। ऑस्टिन ने कहा कि सुरक्षा सहायता निलंबन के अलावा कई कारक पाकिस्तान के सहयोग को प्रभावित कर सकते हैं, जिसमें अफगानिस्तान वार्ता जैसी चीजें भी शामिल हैं।

रक्षा मंत्री ने कहा- आतंकवादियों को पनाह देने से रोकने के लिए पाक पर बनाएंगे दबाव

गौरतलब है कि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2018 में आंतक के खिलाफ मजबूत कार्रवाई के अभाव में पाकिस्तान को सभी वित्तीय और सुरक्षा सहायता निलंबित कर दी थी। ऑस्टिन ने कहा कि वे पाकिस्तान पर अपने जमीन को आतंकवादियों और हिंसक चरमपंथी संगठनों के लिए इस्तेमाल रोकने का दबाव बनाएंगे। उन्होंने कहा कि अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट खोरासान प्रांत (आइएसआइएस-के) को हराने और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ाने के लिए पाकिस्तान के साथ काम करने की भी जरूरत है।


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