अमेरिकी संसद की रिपोर्ट में खुलासा, भारत से सीमा विवाद उलझाए रखना चाहता है चीन
अमेरिकी संसद की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चिनफिंग के शासनकाल में चीन ने भारत के प्रति आक्रामक विदेश नीति अपना रखी है। जानें क्या कहा है पीएम मोदी ने...
वाशिंगटन, पीटीआइ। राष्ट्रपति शी चिनफिंग के शासनकाल में चीन ने भारत के प्रति आक्रामक विदेश नीति अपना रखी है और वह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को स्पष्ट करने की कोशिशों का विरोध करता है। अमेरिकी संसद की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसी कारण दोनों देशों के बीच शांति को लेकर खतरा पैदा हो गया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन भारत के साथ सीमा विवाद को उलझाए रखना चाहता है।
आमने-सामने सेनाएं
यूएस-चाइना इकोनामिक एंड सिक्योरिटी रिव्यू कमीशन की इस रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर सात सप्ताह से भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने खड़ी हैं। 15 जून को गलवन घाटी में हुए खूनी संघर्ष में भारत के 20 जवानों की शहादत से यह तनाव और बढ़ गया है। चिनफिंग के नेतृत्व में चीन ने 2013 से ही भारत के प्रति आक्रामक विदेश नीति अपना रखी है।
विवाद को उलझाए रखना चाहता है चीन
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और चीन ने सीमा पर शांति बहाल रखने और आपसी विश्वास को बढ़ावा देने के लिए कई समझौते किए हैं, लेकिन चीन सीमा विवाद को उलझाए रखना चाहता है। दरअसल अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के साथ भारत के बढ़ते रिश्तों से चीन सरकार डरी हुई है। चीन सीमा पर तनाव पैदा कर भारत को यह संदेश देने की कोशिश कर रहा है कि वह अमेरिका का सहयोगी न बने।
चिनफिंग के आने के बाद से बढ़ा टकराव
2012 में चिनफिंग के सत्ता संभालने के बाद से ही सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच टकराव लगातार बढ़ता गया। हालांकि चिनफिंग की भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कई मुलाकातें हो चुकी हैं और तनाव घटाने के लिए दोनों देशों की ओर से कई कदम उठाए गए थे। चीन अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए भी पड़ोसियों के साथ तनाव बनाए रखता है।
चाइनीज एप बैन कर भारत ने सबक सिखाया
दक्षिण एशिया मामलों के जाने-माने अमेरिकी विशेषज्ञ जेफ स्मिथ ने कहा है कि भारत ने चीन के 59 एप को प्रतिबंधित कर सीमा विवाद पैदा करने के लिए उसे सबक सिखाया है। भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए चीन को तकनीकी क्षेत्र में झटका दिया है।