रुशन अब्बास ने कहा- चीन में उइगर महिलाओं पर ढाया जाता है बेहिसाब जुल्म, डिटेंशन सेंटरों में दरिंदगी
चीनी शासन में सूचनाओं को फैलने नहीं देने के लिए एक पूरा तंत्र है। चीन में उइगर महिलाओं को शारीरिक और मानसिक प्रताड़नाएं दी जाती हैं। उइगर महिलाएं दुष्कर्म की भी शिकार हैं। अज्ञात इंजेक्शन और दवाएं दी जाती हैं।
वाशिंगटन, एएनआइ। अमेरिकी नागरिक बन चुकी उइगर कार्यकर्ता रुशन अब्बास ने चीन के शिंगजियांग प्रांत में उइगर मुसलमानों के साथ होने वाले अमानवीय बर्ताव का ब्योरा दिया है। उनका कहना है कि चीन में उइगर महिलाओं को शारीरिक और मानसिक प्रताड़नाएं दी जाती हैं। अज्ञात इंजेक्शन और दवाएं दी जाती हैं। उसने उइगर महिलाओं को दुष्कर्म के लिए भी ले जाते हुए देखा है।
चीनी शासन में सूचनाओं को फैलने नहीं देने के लिए एक पूरा तंत्र है
अब्बास का कहना है कि दो साल पहले चीन में उनकी बहन लापता हो गई थी। और माना जाता है कि उसे डिटेंशन सेंटर में बंद करके रखा गया है। उन्होंने कहा कि दुनिया चीन के झूठ से अंजान है क्योंकि चीनी शासन में सूचनाओं को फैलने नहीं देने के लिए एक पूरा तंत्र है। रुस्तम की बहन गुलशन अब्बास वह एक सेवा निवृत्त हो चुकी उइगर डॉक्टर है। वह मां भी हैं और पिछले दो सालों से लापता हैं।
जुल्मों से हरेक उइगर मुसलमान का सामना
उन्होंने कहा कि उनकी भांजियों के लिए अब यह संघर्ष हर दिन का हो गया है। ऐसे ही जुल्मों से हरेक उइगर मुसलमान का सामना हो रहा है। शिनजियांग की राजधानी उरुमगी में जन्मी अब्बास का कहना है कि वह 1989 में अमेरिका आ गई थीं और वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी से प्लांट पैथोलाजी की पढ़ाई की थी। वह उइगर मुसलमानों के मानवाधिकारों की प्रवक्ता भी बन गई। रुशान अब्बास ने पांच सितंबर, 2018 को चीन में आतंकवाद विषय पर एक परिचर्चा में हिस्सा लिया। इसके छह दिन बाद ही रुशान की बहन और आंटी को बंदी बना लिया गया। इसीतरह अप्रैल, 2018 में तीन बच्चों की मां दाउत को अगवा कर लिया गया।
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