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अमेरिका में परमाणु चोरी में धरे गए पांच पाकिस्तानी, बड़े नेटवर्क का खुलासा

अमेरिका के न्‍याय विभाग के मुताबिक ये पांच पाकिस्तानी कनाडा हांगकांग और ब्रिटेन में रहते हैं। ये अपनी फ्रंट कंपनियों के लिए दुनियाभर से खरीद करने का नेटवर्क चलाते हैं।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 03:42 PM (IST)Updated: Fri, 17 Jan 2020 03:49 PM (IST)
अमेरिका में परमाणु चोरी में धरे गए पांच पाकिस्तानी, बड़े नेटवर्क का खुलासा
अमेरिका में परमाणु चोरी में धरे गए पांच पाकिस्तानी, बड़े नेटवर्क का खुलासा

वाशिंगटन, एजेंसी । अमेरिका ने परमाणु चोरी में पांच पाकिस्‍तानियों को धरा है। अमेरिका के न्‍याय विभाग के मुताबिक ये पांच पाकिस्तानी कनाडा, हांगकांग और ब्रिटेन में रहते हैं। विभाग का कहना है कि ये अपनी फ्रंट कंपनियों के लिए दुनियाभर से खरीदफरोख्‍त करने का नेटवर्क चलाते थे। इनकी फ्रंट कंपनियां अडवांस्ड इंजिनियरिंग रीसर्च ऑर्गनाइजेशन और पाकिस्तान ऐटमिक एनर्जी कमिशन (पीएईसी) के लिए अमेरिका में बने उत्पाद खरीदती है। यह कंपनी अमेरिका से सामानों का निर्यात बिना एक्सपोर्ट लाइसेंस के ही करती है। यह अमेरिकी कानून का उल्लंघन है।

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इन आरोपियों में मुम्मद कामरान वली पाकिस्तान में रहता है। मुहम्मद अहसान वली और हाजी वली मुहम्मद शेख कनाडा में रहता है। अशरफ खान मुहम्मद का ठिकाना हांगकांग में हैं, जबकि अहमद वहीद ब्रिटेन में रहता है। इन सब पर इंटरनेशनल एनर्जी इकनॉमिक पावर्स ऐक्ट और एक्सपोर्ट कंट्रोल रिफॉर्म ऐक्ट के उल्लंघन की साजिश रचने का आरोप निर्धारित किया गया है।

राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अमेरिकी असिस्टेंट अटॉर्नी जनरल जॉन सी डेमर्स ने कहा कि प्रतिवादियों ने अमिरेका में निर्मित उत्पाद उन संस्थानों को निर्यात किए, जिन्हें अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे के रूप में चिह्नित किया गया है। इन संस्थानों के संबंध पाकिस्तान के हथियार कार्यक्रमों से है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा मुद्दा है जो अमेरिका के लिए एक उदाहरण बन सकता है कि उसे निर्यात के नियमों को लागू करने में कड़ाई बरते।

इन आरापियों ने पाकिस्तान में उस जगह की पहचान छिपाने की कोशिश की जहां अमेरिकी उत्पाद भेजे जा रहे थे। अभी इन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है। इन्होंने सामना खरीदने वाली और इसका आखिरी इस्तेमाल करने वाली कंपनियों के झूठे नाम बताए जबकि अमेरिकी उत्पाद वास्तव में पाकिस्तान पुहंचे और एईआरओ या पीएईसी ने इन उत्पादों की कीमत चुकाई।

गौरतलब है कि 16 साल पहले ठीक इसी महीने पाकिस्तान का न्यूक्लियर स्मगलिंग और प्रॉलिफरेशन स्कैंडल पकड़ा गया था। उसमें पाकिस्तानी वैज्ञानिक एक्यू खान का हाथ सामने आया था। खान ने डच कंपनी रेंको से सेंट्रीफ्यूज चुरा लिया था, जिसके दम पर पाकिस्तान ने 1980 में परमाणु बम बना लिया। पाकिस्तान ने यह टेक्नॉलीज नॉर्थ कोरिया और चीन को भी बेच दी।  


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