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अमेरिकी संसद परिसर में ट्रंप के समर्थकों ने की रैली, भारी संख्या में पुलिस बल तैनात

रैली में 100 से 200 प्रदर्शनकारी शामिल हुए। कुछ प्रदर्शनकारी हाथों में दक्षिणपंथी समूह थ्री पर्सेटर्स का फ्लैग लिए हुए थे। यूएस कैपिटल पुलिस ने कहा कि उन्हें पिछले साल संसद परिसर में हुए हिंसक विरध प्रदर्शन की तर्ज पर ही रैली किए जाने की खुफिया जानकारी मिली थी।

By Manish PandeyEdited By: Published: Sun, 19 Sep 2021 07:38 AM (IST)Updated: Sun, 19 Sep 2021 07:38 AM (IST)
अमेरिकी संसद परिसर में ट्रंप के समर्थकों ने की रैली, भारी संख्या में पुलिस बल तैनात
इस बार प्रदर्शनकारियों की यह संख्या छह जनवरी की संख्या से काफी कम थी।

वाशिंगटन, एजेंसियां। अमेरिकी संसद परिसर में शनिवार को पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने रैली का आयोजन किया। इसे देखते हुए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे और पुलिस बल को तैनात किया गया था। बताते चलें कि इसी साल छह जनवरी को ट्रंप की चुनावी हार को पलटने का प्रयास करते हुए उनके समर्थकों ने इमारत में तोड़-फोड़ की थी। इस दौरान ट्रंप के लगभग 600 समर्थक वहां मौजूद थे।

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खबरों के अनुसार, रैली में 100 से 200 प्रदर्शनकारी शामिल हुए। कुछ प्रदर्शनकारी हाथों में दक्षिणपंथी समूह थ्री पर्सेटर्स का फ्लैग लिए हुए थे। यूएस कैपिटल पुलिस ने कहा कि उन्हें पिछले साल संसद परिसर में हुए हिंसक विरध प्रदर्शन की तर्ज पर ही रैली किए जाने की खुफिया जानकारी मिली थी। हालांकि, इस बार प्रदर्शनकारियों की यह संख्या छह जनवरी की संख्या से काफी कम थी।

6 जनवरी 20202 के दिन हजारों प्रदर्शनकारियों ने संसद परिसर में तबाही मचाई थी। ट्रंप के धुर दक्षिणपंथी समर्थकों ने इतिहास को फिर से लिखने का प्रयास करते हुए संसद परिसर में हंगामा किया था। उस समय एक के बाद दूसरा वक्ता प्रदर्शनकारियों को भड़का रहा था। घटना के बाद सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया था।

यह रैली 6 जनवरी के आसपास अहिंसक अपराधों के लिए गिरफ्तार किए गए लोगों के लिए निकाली गई थी। रैली में शामिल लोगों का कहना था कि बेकसूर लोगों को बहुत लंबे समय तक जेल में रखा गया है या अन्य दुर्व्यवहारों का सामना करना पड़ रहा है, जो उनके संवैधानिक अधिकारों की अवहेलना है। एक प्रदर्शनकारी ने दावा किया कि उनपर अत्याचार किया जा रहा है और अधिकारियों द्वारा ब्लैक लाइव्स मैटर में शामिल प्रदर्शनकारियों की तुलना में अधिक कठोर दंड दिया गया है। हालांकि, कई कांग्रेसी रिपब्लिकनों ने 6 जनवरी के संबंध में गिरफ्तार किए गए लोगों के इलाज को लेकर चिंता जताई है।


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