जानें कौन हैं उइगर मुस्लिम जिनके लिए 28 चीनी कंपनियों को US ने किया ब्लैकलिस्ट
अमेरिका के वित्त मंत्री विल्बर रॉस ने उइगर मुस्लिमों के साथ दुर्व्यवहार करने के कारण 28 चीनी कंपनियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। अब ये कंपनियां अमेरिका से सामान नहीं खरीद पाएंगी।
By Monika MinalEdited By: Published: Tue, 08 Oct 2019 01:16 PM (IST)Updated: Tue, 08 Oct 2019 01:16 PM (IST)
वाशिंगटन, एएनआइ। चीन के खिलाफ अमेरिका की ओर से सख्त कार्रवाई की गई है। अमेरिका ने सोमवार को 28 चीनी कंपनियों को ब्लैकलिस्ट में डाल दिया। इनपर शिनझियांग प्रांत में रहने वाले मुस्लिमों के शोषण का आरोप है। अब ये कंपनियां अमेरिका से सामान की खरीददारी नहीं कर सकेंगी। अमेरिकी फेडरल रजिस्टर के अनुसार, इन कंपनियों में वीडियो निगरानी कंपनी ‘हिकविजन’, आर्टिफिशियल कंपनियां- मेग्वी टेक्नोलॉजी और सेंस टाइम शामिल हैं।
बर्दाश्त नहीं करेगी अमेरिकी सरकार
फेडरल रजिस्टर में प्रकाशित नोटिस में वित्त मंत्रालय ने बताया, 'इन 28 कंपनियों पर अमेरिका की विदेश नीति के विपरीत काम करने का आरोप है।' अमेरिका के वित्त सचिव विल्बर रॉस के हवाले से न्यूयार्क टाइम्स ने बताया, 'अमेरिका सरकार व वित्त विभाग चीन में अल्पसंख्यकों के शोषण व अत्याचार को बर्दाश्त नहीं करेगी।' उल्लेखनीय है कि अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार को लेकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर चीन की आलोचना हो रही है।
चीन के खिलाफ अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा
अगस्त में हुए संयुक्त राष्ट्र बैठक में अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा ने सम्मिलित रूप से चीन और पाकिस्तान के खिलाफ आवाज उठाई। तीनों देशों ने चीन और पाकिस्तान द्वारा धार्मिक आजादी पर पाबंदी लगाने का आरोप लगाया। अमेरिका की इस कार्रवाई के बाद वाशिंगटन और बीजिंग के बीच पहले से जारी तनावपूर्ण संबंध और भी खराब हो सकते हैं।
तुर्क मूल के हैं उइगर मुस्लिम
चीन के शिंझियांग प्रांत की सीमा मंगोलिया और रूस समेत आठ देशों से मिलती है। इसी प्रांत में तुर्क मूल के उइगर समुदाय का निवास है। इस इलाके में बहुसंख्यक उइगर की परेशानी तब बढ़ी जब यहां चीनी समुदाय हान का प्रवेश हुआ। इसके साथ ही इलाके में सेना की तैनाती बढ़ी और हालात में बदलाव हुआ।
बता दें कि उइगर समुदाय चीन से अलग होने के लिए एक मूवमेंट 'इस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट' चला रहे हैं।
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