कोरोना का इलाज ढूंढने में जुटा अमेरिका, हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन पर शुरू किया क्लीनिकल ट्रायल
कोरोना वायरस की दवा बनाने के लिए अमेरिकी ने हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन पर क्लीनिकल ट्रायल शुरू कर दिया है।
वाशिंगटन डीसी, एएनआइ। कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका ने हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन पर क्लीनिकल ट्रायल शुरू कर दिया है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) ने गुरुवार को इस बात की घोषणा करते हुए कहा कि कोविड-19 के इलाज के लिए मलेरिया-रोधी दवा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन की प्रभावशीलता का परीक्षण करने के लिए क्लीनिकल ट्रायल में भाग लेना शुरू कर दिया है।
द हिल की एक रिपोर्ट के अनुसार टेनेसी के नैशविले के वेंडरबिल्ट यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में पहले प्रतिभागिय ने ट्रायल शुरू कर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने ब्रीफिंग में बार-बार हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन का उल्लेख किया है।
हिल की रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले दिन प्रतिभागियों को 400 मिलीग्राम हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन को दो खुराक दिन में दो बार दि जाएगा, फिर बाद में 200 मिलीग्राम की आठ खुराक दिन में दो बार दूसरे से पांचवे दिन तक के लिए दी जाएगी।
बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ने वैश्विक कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन के निर्यात पर से प्रतिबंध हटाने के फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया था।
एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, 'हमारे पास अब लगभग 30 मिलियन हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन की गोलियां है। मैं भारत के प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देना चाहता हूं कि हमने समस्या से निपटने के लिए जो अनुरोध किया था, उन्होंने उसे मान लिया। वह बहुत अच्छे हैं। हम इसे हमेशा याद रखेंगे।
जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी कोरोना वायरस रिसोर्स सेंटर द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका में चार लाख से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हें, जबकि 16 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। इनमें से 25 हजार लोगों के ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।