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अमेरिका की पाक को कड़ी चेतावनी- 'तालिबान से करे शांति वार्ता या अपनी मिट्टी से उखाड़ फेंके'

'हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान निश्चित रुप से तालिबान को शांति वार्ता में शामिल करने के लिए सक्षम होगा।'

By Srishti VermaEdited By: Published: Wed, 07 Feb 2018 12:35 PM (IST)Updated: Wed, 07 Feb 2018 03:40 PM (IST)
अमेरिका की पाक को कड़ी चेतावनी- 'तालिबान से करे शांति वार्ता या अपनी मिट्टी से उखाड़ फेंके'
अमेरिका की पाक को कड़ी चेतावनी- 'तालिबान से करे शांति वार्ता या अपनी मिट्टी से उखाड़ फेंके'

वाशिंगटन (प्रेट्र)। अमेरिका ने फिर से पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि वह तालिबान जैसे आतंकवादी समूह को अपने देश से बाहर निकाल फेंके। ट्रंप प्रशासन के एक शीर्ष अधिकारी ने आज सीनेट में सासंदों के साथ हुए बैठक में ये बातें कहीं। स्टेट विभाग के उप सचिव जॉन सुलिवन यहां, पाकिस्तान के द्वारा आतंकियों को दिए जा रहे समर्थन पर सांसदों के सवालों का जवाब दे रहे थे। सुलिवन ने इसके जवाब में कहा कि "हमने पाकिस्तान के साथ कई बार इस मुद्दे पर चर्चा की है। पाकिस्तान समझता है कि हम क्या चाहते हैं.. उन्होंने आगे कहा कि हमारी तरफ से रक्षा सहायता निलंबन तब तक जारी रहेगी जब तक हमें इसके खिलाफ सबूत मिलते रहेंगे।"

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जब तक सबूत मिलते रहेंगे निलंबन जारी रहेगा

उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ कई बार चर्चा की है लेकिन पाकिस्तान ने अब तक आतंकवाद के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई नही की है। विदेशी संबंध समिति के चेयरमैन सांसद बॉब कोर्कर ने ट्रंप प्रशासन के साउथ एशिया नीति की सराहना की। कहा कि ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान को दिए जाने वाले एक सैन्य सहायता राशि पर रोक लगा दी है जो एक अच्छा निर्णय है। कोर्कर ने ओबामा प्रशासन के बाद से ही एफ-16 लड़ाकू विमान को पाकिस्तान को बेचने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि यह कदम पाकिस्तान की कूटनीति को ध्वस्त करने और अफगानिस्तान पर हमारे प्रयासों पर खतरे को कम करने के लिए उठाया गया था।

पाकिस्तान पर संदेह...

पिछले महीने ट्रंप प्रशासन ने आतंकवाद पर कार्रवाई करने में विफल रहने पर पाकिस्तान को दी जाने वाली लगभग 2 अरब अमेरिकी डॉलर की सैन्य सहायता राशि पर रोक लगा दी थी। हालांकि सीनेट फॉरेन रिलेशन कमेटी के रैंकिंग ऑफिसर सांसद बेन कार्डिन ने अंदेशा जताते हुए कहा कि ट्रंप प्रशासन की इस प्रकार की नीति कारगर नही भी हो सकती है। क्या प्रशासन को यकीन है कि सुरक्षा सहायता का एक सरल निलंबन पाकिस्तान को आतंकवाद का समर्थन छोड़ने के लिए प्रतिबद्ध कर पाएगा? ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है। हमने पिछले 16 साल से कई बार प्रयास किया है। मुझे बहुत कम ही भरोसा है कि इस तरह के कदम से कुछ बदलाव आयेंगे।

पाकिस्तान तलिबान से शांति वार्ता करने में सक्षम 

सुलिवन ने कहा, अगर पाकिस्तान की तरफ से आतंक के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाती है तो ट्रंप प्रशासन निलंबन को हटाने पर भी विचार कर सकता है। सुलीवन ने कहा कि अमेरिका किसी भी देश के द्वारा किसी दूसरे देश में आतंकी हमले करने का विरोध करता है। हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान निश्चित रुप से तालिबान को शांति वार्ता में शामिल करने के लिए सक्षम होगा। साथ ही हमें यह भी विश्वास है कि इसके अलावा वे उनके खात्मे के लिए उन्हें देश से बाहर निकालने में भी सक्षम हो सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान खुद भी आतंकवादी हमलों से पीड़ित है। मैं समझता हूं कि पाकिस्तान के लिए यह एक नाजुक समय है। हम उनके प्रयासों की सहायता के लिए जो कर सकें करना चाहते हैं और हमने उन्हें मौद्रिक और अन्य सहायता प्रदान की है। 


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