काबुल से निकली अमेरिकी सेना, लेकिन पीछे छूटे कई अमेरिकी, अफगानी नागरिक
पेंटागन द्वारा सोमवार को अमेरिकी सैन्य मिशन खत्म करने को पूरा करने की घोषणा के तुरंत बाद बोलते हुए ब्लिंकन ने कहा कि काबुल में अमेरिकी दूतावास बंद रहेगा और निकट भविष्य के लिए खाली रहेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राजनयिक दोहा कतर में रहेंगे।
वाशिंगटन, एपी। जैसे ही अंतिम पांच अमेरिकी सैन्य परिवहन विमान अफगानिस्तान से बाहर निकले, वे अपने पीछे 200 अमेरिकियों और हजारों हताश अफगानों को पीछे छोड़ गए। वे अब बाहर नहीं निकल सकते और अब केवल उन्हें बाहर निकालने की अनुमति देने के लिए तालिबान पर भरोसा किया जा रहा है।
विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका अमेरिकियों और अफगानों को देश से बाहर निकालने की कोशिश करना जारी रखेगा और काबुल हवाई अड्डे के फिर से खुलने के बाद अफगानिस्तान के पड़ोसियों के साथ जमीन पर या चार्टर उड़ान से उनके प्रस्थान को सुरक्षित करने के लिए काम करेगा।
ब्लिंकन ने कहा, 'हमें इस बात का कोई अंदाजा नहीं है कि लोगों को बाहर निकालने का कार्य आसान या तेज गति से हो सकेगा या नहीं।' ब्लिंकन ने बताया कि अफगानिस्तान में रहने वाले और अभी भी देश छोड़ने के इच्छुक अमेरिकियों की कुल संख्या 100 के करीब हो सकती है।
पेंटागन द्वारा सोमवार को अमेरिकी सैन्य मिशन खत्म करने को पूरा करने की घोषणा के तुरंत बाद बोलते हुए, ब्लिंकन ने कहा कि काबुल में अमेरिकी दूतावास बंद रहेगा और निकट भविष्य के लिए खाली रहेगा। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राजनयिक दोहा, कतर में रहेंगे।
ब्लिंकन ने विदेश विभाग के एक संबोधन में कहा, 'हम अमेरिकियों, विदेशी नागरिकों और अफगानों को अफगानिस्तान छोड़ने में मदद करने के लिए अपने अथक प्रयासों को जारी रखेंगे।' उन्होंने कहा कि लोगों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की कोई समय सीमा नहीं है।
अमेरिकी मध्य कमान के प्रमुख मरीन जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने संवाददाताओं से कहा कि अमेरिकी सेना अमेरिकी निकासी मिशन के अंतिम घंटों में 1,500 से अधिक अफगानों को बाहर निकालने में सक्षम रही थी। लेकिन अब यह तालिबान के साथ काम करने वाले विदेश विभाग पर निर्भर करेगा कि वह और लोगों को बाहर निकाले।
मैकेंजी ने कहा कि हवाईअड्डे पर कोई नागरिक फंसे नहीं हैं और अंतिम कुछ सैन्य उड़ानों में कोई भी नहीं था। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सेना ने अंत से ठीक पहले तक अमेरिकियों को बाहर निकालने की योजना बनाए रखी थी, लेकिन वहां रह गए लोगों में से कोई भी एयरपोर्ट नहीं पहुंच सका था। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सेना की वापसी बहुत दुखद समय है।