आतंक के खिलाफ भारत के साथ US, आर्म्ड ड्रोन समेत कई अत्याधुनिक हथियार देने पर सहमति
तालिबान आतंकियों के लिए काल साबित हो चुके हैं आर्म्ड ड्रोन। अत्याधुनिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम भी भारत को देगा अमेरिका। भारत को अमेरिका के प्रस्ताव पर फैसला लेना है।
वाशिंगटन, पेट्र। आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में अब अमेरिका कंधे से कंधा मिलाकर साथ देगा। इसके लिए अमेरिका न केवल तकनीक बल्कि अत्याधुनिक हथियार भी भारत को देगा। ट्रंप प्रशासन ने शनावरो को भारत को विशेष आर्म्ड ड्रोन दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। साथ ही एयर एंड मिसाइल डिफेंस सिस्टम देने का प्रस्ताव भी भारत के समक्ष रखा है।
इसका उद्देश्य भारत की सैन्य क्षमता में बढ़ोतरी करना और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में दोनों देशों के हित में सुरक्षा इंतजामों को बढ़ाना है। उल्लेखनीय है कि रूस से पांच अरब डॉलर के एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीद के सौदे के बाद अमेरिका उसके बदले अपने अत्याधुनिक थाड मिसाइल डिफेंस सिस्टम भारत को बेचने का प्रस्ताव कर चुका है।
यह स्वीकृति कम बिक्री प्रस्ताव 14 फरवरी के पुलवामा आतंकी हमले के बाद किया गया है, जिसमें 40 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। इसके बाद भारत ने 1971 के युद्ध के बाद पहली बार पाकिस्तान में घुसकर कार्रवाई की थी। इतना ही नहीं हिंद और प्रशांत महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती ताकत को देखते हुए अमेरिका ने ये प्रस्ताव रखे हैं।
व्हाइट हाउस के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार ट्रंप प्रशासन अपने सबसे अच्छे हथियार और अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणालियां भारत को देने को तैयार है। जून 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई बैठक के बाद अमेरिका भारत को गार्डियन सर्विलांस ड्रोन बेचने के लिए तैयार हो गया था। इस ड्रोन से काफी ऊंचाई से जमीन और समुद्र की छोटी वस्तुओं को देखा जा सकता है। आर्म्ड ड्रोन से इन वस्तुओं और व्यक्तियों को निशाना बनाया जा सकता है।
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में अमेरिका ने इन्हीं ड्रोन के जरिये बड़ी संख्या में तालिबान आतंकी मारे हैं।भारत पहला गैर नाटो सहयोगी देश है जिसे अमेरिका मानवरहित सी गार्डियन ड्रोन देगा। सूत्रों के अनुसार अमेरिका भारत में आम चुनाव के परिणामों का इंतजार कर रहा था। परिणाम आते ही ट्रंप प्रशासन ने गार्डियन ड्रोन के आर्म्डम वर्जन को भारत को देने के फैसले पर मुहर लगा दी। अब इस पर भारत को फैसला लेना है कि वह इन ड्रोन को कब और कितनी संख्या में लेगा।
सूत्रों के अनुसार भारत की जरूरत के हिसाब से सौदे का आकार देखा जाए तो यह 2.5 अरब डॉलर (करीब 17 हजार करोड़ रुपये) का हो सकता है। हाल के वर्षो में अमेरिका भारत के साथ चीनूक बहुउद्देशीय हेलीकॉप्टर, अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर, पी-81 मेरीटाइम पेट्रोल हेलीकॉप्टर और एम 777 हॉवित्जर तोप सौदों को अंतिम रूप दे चुका है। इनमें से कुछ की भारत की आपूर्ति भी शुरू हो चुकी है।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप