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अमेरिकी ‘रोमियो’ की दस्‍तक से चीन में खलबली, प्रशांत महासागर में होगा अब भारत का दबदबा

आखिर ये रोमियो कौन है। इसका चीनी चिंता से आखिर क्‍या ताल्‍लुक है। आइए हम आपको बताते हैं इस खास मेहमान रोमियो के बारे में।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Wed, 03 Apr 2019 09:34 AM (IST)Updated: Thu, 04 Apr 2019 09:18 AM (IST)
अमेरिकी ‘रोमियो’ की दस्‍तक से चीन में खलबली, प्रशांत महासागर में होगा अब भारत का दबदबा
अमेरिकी ‘रोमियो’ की दस्‍तक से चीन में खलबली, प्रशांत महासागर में होगा अब भारत का दबदबा

वाशिंगटन, पीटीआइ। भारतीय नौसेना में 'रोमियो' के शामिल होने की खबर से चीन की चिंताएं जरूर बढ़ी होंगी। आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर ये 'रोमियो' कौन है। इसका चीनी चिंता से आखिर क्‍या ताल्‍लुक है। आइए हम आपको बताते हैं,  इस खास मेहमान 'रोमियो' के बारे में, जिसे हासिल करने के लिए भारत करीब एक दशक से बेताब था।
जी हां, अमेरिका का मल्टी-रोल एमएच-60 ‘रोमियो’ सीहॉक एक हेलीकॉप्‍टर है। अब यह हेलीकॉप्‍टर भारतीय नौसेना के बेड़े में भी दिखेगा। भारतीय मांग को देखते हुए अमेरिका ने इसके लिए हरी झंडी दे दी है। यह जानकारी अमेरिकी विदेश विभाग ने पुख्‍ता की है। ट्रंप प्रशासन ने मंगलवार को कांग्रेस को स‍ूचित किया हैै कि उसने भारत को बहु उद्देशयीय हेलीकॉप्‍टर की ब्रिकी को मंजूरी दी है। इससे भारतीय रक्षा बलों की सतह रोधी और पनड़ुब्‍बी रोधी मिशन में अभूतपूर्व क्षमता की वृद्धि होगी। रक्षा उद्योग से जुड़े सूत्रों के अनुसार इस सौदे की कीमत 200 करोड़ डॉलर यानी करीब 14,400 करोड़ रुपये हो सकती है।

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और मजबूत हुए भारत-अमेरिका संबंध
अमेरिकी विदेश विभाग ने अपनी अधिसूचना में कहा है कि इस प्रस्‍तावित बिक्री से भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंधों को एक नई दिशा मिलेगी। इससे दोनों देशों के संबंध और मजबूत होंगे। यह सौदा अमेरिकी विदेश नीति और राष्‍ट्रीय सुरक्षा के अनुरूप है। इसमें आगे कहा गया है कि इस सौदे से भारत प्रशांत और दक्षिण एशियाई क्षेत्र में राजनीतिक स्थिरता, शांति और आर्थिक प्रगति के लिए एक महत्‍वपूर्ण शक्ति बनेगा।

इस अधिसूचना में कहा गया है कि इस प्रस्‍तावित बिक्री से भारत की पनडुब्‍बी रोधी युद्ध अभियान की क्षमता में बड़ा इजाफा होगा। जाहिर है कि जिस तरह से प्रशांत और दक्षिण एशियाई क्षेत्र में चीन का दखल और दबदबा बढ़ रहा है, उससे अमेरिका और भारत की चिंताए बढ़ गईं हैं। लेकिन भारतीय नौसेना के बेड़े में इस हेलीकॉप्‍टर के शामिल होने से यह एक सैन्‍य संतुलन स्‍थापित होगा।
रंग लाई प्रधानमंत्री मोदी की पहल
हालांकि, भारतीय नौसेना एक दशक से इस हेलीकॉप्‍टर की मांग कर रही थी। लेकिन गत वर्ष अमेरिकी उपराष्‍ट्रपति माइक पेंस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच सिंगापुर में हुई बैठक के बाद इस सौदे में तेजी आई। सिंगापुर में एक शिखर बैठक के इतर दोनों नेताओं की बीच इस मामले में चर्चा हुई थी। इस बैठक में द्विपक्षीय रक्षा संबंधों का मामला शीर्ष पर रहा था। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के सामरिक जरूरतों के मद्देनजर इस हेलीकॉप्‍टर की जरूरत पर जोर दिया था। त‍ब यह उम्‍मीद जगी थी कि जल्‍द ही यह हेलीकॉप्‍टर भारतीय नोसेना बेड़े में शामिल होगा।
क्‍या है रोमियो की खूबियां

  • इस एंटी सबमरीन हेलीकॉप्‍टर को जहाज, युद्धपोत और विमान वाहक पोत आदि से ऑपरेट किया जा सकता है।
  • रोमियो अमे‍िरिका का सबसे एडवांस एंटी सबमरीन हेलीकॉप्‍टर है। पनडुब्बियों पर इसका निशाना अचूक होता है।
  • हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के रवैये को देखते हुए भारतीय नेवी काे इसकी जरूरी है।
  • मौजूदा समय में यह अमेरिकी नेवी के बेड़े में शामिल है।
  • यह हेलीकॉप्टरों को दुनिया का सबसे उन्नत समुद्री हेलीकॉप्टर है। इस विमान की डिजाइन और क्षमता भारतीय सशस्‍त्र बलों के अनुरूप  अनुरूप हैं।

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