Move to Jagran APP

अमेरिका की रूस और चीन से हथियार न खरीदने की अपील, दोनों देश दुनिया में प्रभाव बढ़ाने की फिराक में

यूएस के सहायक विदेश मंत्री क्लार्क कूपर ने कहा कि जो देश रूस और चीन से हथियारों की खरीद कर रहे हैं वे उत्पाद की गुणवत्ता और उनसे जुड़े अन्य पक्षों पर भी गौर करें।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 01 Nov 2019 11:05 PM (IST)Updated: Fri, 01 Nov 2019 11:05 PM (IST)
अमेरिका की रूस और चीन से हथियार न खरीदने की अपील, दोनों देश दुनिया में प्रभाव बढ़ाने की फिराक में
अमेरिका की रूस और चीन से हथियार न खरीदने की अपील, दोनों देश दुनिया में प्रभाव बढ़ाने की फिराक में

वाशिंगटन, प्रेट्र। ट्रंप प्रशासन ने दुनिया के देशों से रूस और चीन से हथियार न खरीदने की अपील की है। कहा है कि दोनों देश दुनिया में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए हथियारों की बिक्री का सहारा ले रहे हैं। इससे माहौल विषाक्त बन रहा है। सहायक विदेश मंत्री क्लार्क कूपर ने किसी देश का नाम नहीं लिया है, लेकिन अमेरिका भारत को रूस से एस-400 ट्रिंफ एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने से रोकने के लिए कई बार प्रयास कर चुका है। उसने ऐसा ही प्रयास इस सिस्टम की खरीद से तुर्की को रोकने के लिए किया था, लेकिन सफलता नहीं मिली।

loksabha election banner

एयर डिफेंस सिस्टम- भारत का रूस से 40 हजार करोड़ का रक्षा सौदा

भारत ने रूस से करीब 40 हजार करोड़ रुपये में अक्टूबर 2018 में एस-400 सिस्टम की खरीद के लिए सौदा किया है। इस सौदे की पूरी धनराशि हाल ही में दी जा चुकी है, इसके चलते तय समय से पहले सिस्टम की आपूर्ति संभव हो सकेगी। माना जा रहा है कि इस सिस्टम की पहली बैटरी 2021 में भारत को मिल जाएगी। तब हवाई सुरक्षा के मामले में भारत को भारी बढ़त हासिल हो जाएगी। दुनिया के सबसे उन्नत यह एयर डिफेंस सिस्टम अभी रूसी सेना के अतिरिक्त चीनी सेना के पास है जिसने इसे सबसे पहले खरीदा था।

रूस और चीन से हथियार खरीदने की अनुमति नहीं

अमेरिका के राजनीतिक व सैन्य मामलों के सहायक विदेश मंत्री क्लार्क कूपर ने कहा, सहयोगी देशों को रूस और चीन से हथियार खरीदने की अनुमति नहीं दी जा सकती। यह दोस्ती के विपरीत बात होगी। हमारे प्रतिद्वंद्वी (रूस और चीन) हथियार बेचकर और सैन्य सहयोग कर दुनिया में अपना प्रभाव बढ़ाना चाहते हैं। वे हमें कमजोर करके ऐसा करना चाहते हैं।

अमेरिकी रक्षा उपकरण बेहतर

कूपर ने कहा कि जो देश रूस और चीन से हथियारों की खरीद कर रहे हैं, वे उत्पाद की गुणवत्ता और उनसे जुड़े अन्य पक्षों पर भी गौर करें। अमेरिकी रक्षा उपकरण हमेशा उच्च स्तरीय शोध एवं अनुसंधान के बाद बेहतर गुणवत्ता के साथ तैयार होते हैं। आपूर्ति के बाद भी उनकी देखरेख की जिम्मेदारी अमेरिकी कंपनियों की रहती है। साथ ही वह क्षेत्रीय भू राजनीतिक स्थितियों को देखकर हथियारों की आपूर्ति की जाती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.