Move to Jagran APP

नस्लवाद पर संयुक्त राष्ट्र में भिड़े अमेरिका व चीन, वाशिंगटन ने लगाया उइगर मुस्लिमों के नरसंहार का आरोप

अमेरिका और चीन के बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंतरराष्ट्रीय नस्ली भेदभाव उन्मूलन दिवस कार्यक्रम के दौरान यह टकराव देखने को मिला। अमेरिकी राजदूत थॉमस ग्रीनफील्ड ने कहा कि दासता दुनिया के हर कोने में मौजूद है ।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Sat, 20 Mar 2021 07:04 PM (IST)Updated: Sat, 20 Mar 2021 07:41 PM (IST)
नस्लवाद पर संयुक्त राष्ट्र में भिड़े अमेरिका व चीन, वाशिंगटन ने लगाया उइगर मुस्लिमों के नरसंहार का आरोप
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और शी जिनपिंग की फाइल फोटो

संयुक्त राष्ट्र, एपी। अमेरिका और चीन अब संयुक्त राष्ट्र में नस्लवाद के मसले पर भिड़ गए। दोनों देशों ने शुक्रवार को एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए। अमेरिका ने चीन पर उइगर मुस्लिमों और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ नरसंहार के आरोप लगाए। इसके जवाब में चीन ने अमेरिका पर भेदभाव और नफरत फैलाने के आरोप मढ़ दिए। इससे पहले अमेरिका और चीन के बीच अलास्का में हुई उच्च स्तरीय बैठक के दौरान दोनों देशों के शीर्ष अधिकारियों के बीच कैमरे के सामने नोकझोंक हुई थी।

loksabha election banner

अमेरिका और चीन के बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंतरराष्ट्रीय नस्ली भेदभाव उन्मूलन दिवस कार्यक्रम के दौरान यह टकराव देखने को मिला। अमेरिकी राजदूत थॉमस ग्रीनफील्ड ने कहा कि दासता दुनिया के हर कोने में मौजूद है। इसी तरह नस्लवाद भी एक चुनौती है। उन्होंने कहा, 'चीनी सरकार ने शिनशियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों और अन्य अल्पसंख्यक समूहों के खिलाफ नरसंहार और मानवता के विरुद्ध अपराध किए।' इस पर संयुक्त राष्ट्र में चीन के उप राजदूत दाई बिंग ने कहा कि अमेरिका के आरोप राजनीति से प्रेरित हैं। झूठ केवल झूठ होता है। उन्होंने अमेरिका पर चीन के आंतरिक मामलों में दखल देने का आरोप भी लगाया।

'किसी मसले पर कदम पीछे नहीं करेगा चीन'

अमेरिका और चीन के बीच दो दिवसीय उच्च स्तरीय बैठक शुक्रवार को समाप्त हो गई। इस दौरान चीन का अडि़यल रवैया बरकरार रहा। अमेरिका के अलास्का में आमने-सामने की इस बैठक में तीखी नोकझोंक हुई। गुरुवार को कैमरे के सामने दोनों देशों के बीच एक घंटे तक आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला था।

अमेरिकी विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने शीर्ष चीनी राजनयिकों से सख्त शब्दों में कहा कि बीजिंग की हरकतों के चलते कानून आधारित व्यवस्था और वैश्विक स्थिरता के लिए खतरा पैदा हो गया है। पलटवार करते हुए चीनी पक्ष ने कहा कि वाशिंगटन सैन्य ताकत और आर्थिक प्रभाव का गलत इस्तेमाल कर रहा है।

बैठक खत्म होने के बाद ब्लिंकन ने कहा, 'हमें बचाव वाली प्रतिक्रिया मिली। हमने उनके साथ अपनी गहरी चिंताओं और प्राथमिकताओं को साझा किया।' जबकि चीनी प्रतिनिधिमंडल में शामिल सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के विदेश मामलों के निदेशक यांग जेइची ने कहा कि सिर्फ वार्ता के जरिये मतभेदों को दूर किया जा सकता है। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बीजिंग किसी मसले पर कदम पीछे करने का इरादा नहीं रखता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.