बेरूत में भीषण तबाही के बाद मदद में आगे आया अमेरिका, ईरान समर्थित हिजबुल्लाह से परहेज
अमेरिका ने साफ किया है कि उसकी मदद ईरान समर्थित हिजबुल्लाह के लिए नहीं है। अमेरिका ने कहा कि यह अधिकारी सुनिश्चित करें कि यह आपूर्ति जरूरतमंद लोगों तक पहुंच रही है।
वाशिंगटन, एजेंसी। लेबनान की राजधानी बेरूत में भीषण विस्फोट के बाद अमेरिका ने बड़े पैमाने पर सहायता पहुंचाने का काम शुरू कर दिया है। हालांकि, अमेरिका ने साफ किया है कि उसकी मदद ईरान समर्थित हिजबुल्लाह के लिए नहीं है। अमेरिका ने कहा कि यह अधिकारी सुनिश्चित करें कि यह आपूर्ति जरूरतमंद लोगों तक पहुंच रही है।
लेबनान सशस्त्र बलों के साथ संपर्क में हैं अमेरिका
उधर, मध्य पूर्व के शीर्ष अमेरिकी कमांडर और मध्य कमान के प्रमुख फ्रैंक मैकेंजी ने एक बयान में कहा कि हम लेबनान सशस्त्र बलों के साथ संपर्क में हैं और उनके साथ मदद में समन्वय कर रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि हम लेबनान को अतिरिक्त सहायता प्रदान करते रहेंगे। अमेरिकी मध्य कमान के प्रवक्ता नेवी कैप्टन बिल अर्बन ने कहा कि अमेरिकी सहायता लेबनानी सशस्त्र बल प्राप्त करेंगे और इसे पीडि़त लोगों को वितरित करेंगे। उन्होंने कहा कि यह प्रयास बेरूत और यूएसएआईडी में अमेरिकी दूतावास के साथ समन्वित किया जा रहा है।
ईरान समर्थित हिज्बुल्लाह पर अमेरिकी प्रतिबंध
अमेरिका ने ईरान समर्थित हिज्बुल्लाह पर प्रतिबंध लगा रखा है। ट्रंप प्रशासन ने लेबनानी चरमपंथी संगठन और उससे जुड़े संस्थानों पर प्रतिबंध लगा रखा है। अमेरिका दावा करता आया है कि इनका संबंध चरमपंथी संगठन से जुड़े हुए हैं। बता दें कि 1982 में इजराइल द्वारा लेबनान पर हमले के बाद ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड द्वारा हिज्बुल्लाह की स्थापना की गई थी। इस समूह को लेबनान के शिया समुदाय का समर्थन प्राप्त है। समूह द्वारा अस्पताल, स्कूल जैसे संस्थाएं भी चलाई जाती है। यह आज मध्य पूर्व में एक काफी प्रभावशाली समूह बन गया है। इसके पास लेबनान की सेना से ज्यादा हथियार हैं।
बेरूत में भीषण विस्फोट, 135 लोगों की गई जान
लेबनान की राजधानी बेरूत में एक भीषण विस्फोट में 135 लोगों की जान चली गई और करीब पांच हजार घायल हो गए। बेरूत में धमाका इतना तीव्र था कि उसकी गूंज 160 किलोमीटर दूर साइप्रस तक सुनाई दी थी। बेरूत के गवर्नर मारवन अबोद ने बताया कि धमाके से करीब आधे शहर को नुकसान पहुंचा है। इस भीषण विस्फोट के चलते शहर को 15 अरब डॉलर (करीब एक लाख दस हजार करोड़ रुपये) तक की क्षति पहुंचने का अनुमान है। तीन लाख लोग बेघर हो गए हैं।
बम बनाने में किया जाता है अमोनियम नाइट्रेट का इस्तेमाल
गौरतलब है कि बेरूत के बंदरगाह पर वर्ष 2013 में एक शिपमेंट से 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट आया था, जिसे एक गोदाम में रख गया था। इसका इस्तेमाल फर्टिलाइजर और बम बनाने में किया जाता है। लेकिन इतनी ब़़डी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट को बिना किसी सुरक्षा इंतजाम को इस तरह छोड़ दिया था कि जैसे यह कोई सामान्य चीज हो। इस लापरवाही का खामियाजा मंगलवार को भीषण धमाके के रूप में सामने आया। आतिशबाजी से गोदाम में आग लगने से धमाका होने का अंदेशा है।