दोहा के बाद नई दिल्ली पहुंचे खलीलजाद, अफगान शांति प्रकिया पर होगी वार्ता, रखेंगे US का पक्ष
अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि खलीलजाद ने अपने ट्विटर अकांउट पर घोषणा की अफगान शांति प्रक्रिया पर अंतरराष्ट्रीय सहमति बनाने के लिए वह भारत के साथ वार्ता करेंगे।
By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 06 Aug 2019 01:55 PM (IST)Updated: Tue, 06 Aug 2019 02:39 PM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी । कतर की राजधानी दोहा में तालिबान के साथ तीन दिनों की वार्ता के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका के अफगान सुलह के लिए विशेष प्रतिनिधि जल्माय खलीलजाद आज दिल्ली में हैं। खलीलजाद ने अपने ट्विटर अकांउट पर इसकी जानकारी दी। उन्होंने घोषणा की अफगान शांति प्रक्रिया पर अंतरराष्ट्रीय सहमति बनाने के लिए वह भारत के साथ वार्ता करेंगे।
उन्होंने कहा कि कतर की राजधानी दोहा में चली शांति वार्ता के आठ दौर सकारात्मक रहे। उन्होंने कहा अफगान शांति वार्ता में निश्चित रूप से प्रगति हुई है। उन्होंने अपने ट्विटर पर लिखा है कि 'मैंने दोहा में पिछले कुछ दिन बिताए हैं। उन्होंने कहा कि इसमें तालिबान के साथ वार्ता हुई है। उन्होंने कहा कि इस वार्ता में उन मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रीत किया गया है, जो स्थिति आधारित सैन्य वापसी की अनुमति देगा।'
विशेष प्रतिनिधि ने कहा कि दोहा में यह वार्ता पूर्व में अफगान की जमीन से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने के लिए अमेरिकी वादे के इर्द-गिर्द केंद्रित थी। उन्होंने कहा कि अमेरिका अफगानिस्तान की धरती पर तालिबान नियंत्रण वाले क्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय आतंववाद का अड्डज लिए मंच नहीं बनेगा ।
अमेरिकी विदेश विभाग ने मंगलवार को कहा कि अफगानिस्तान सुलह के लिए विशेष प्रतिनिधि राजदूत खलीलजाद आठ से 21 जनवरी तक अफगानिस्तान के साथ भारत, चीन और पाकिस्तान का दौरा करेंगे। उनके साथ एक प्रतिनिधिमंडल भी इन देशों की यात्रा पर जाएगा। यह दल अफगानिस्तान में राजनीतिक समाधान के लिए प्रत्येक देश में वरिष्ठ अधिकारियों से मिलेगा।
उन्होंने कहा कि कतर की राजधानी दोहा में चली शांति वार्ता के आठ दौर सकारात्मक रहे। उन्होंने कहा अफगान शांति वार्ता में निश्चित रूप से प्रगति हुई है। उन्होंने अपने ट्विटर पर लिखा है कि 'मैंने दोहा में पिछले कुछ दिन बिताए हैं। उन्होंने कहा कि इसमें तालिबान के साथ वार्ता हुई है। उन्होंने कहा कि इस वार्ता में उन मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रीत किया गया है, जो स्थिति आधारित सैन्य वापसी की अनुमति देगा।'
विशेष प्रतिनिधि ने कहा कि दोहा में यह वार्ता पूर्व में अफगान की जमीन से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने के लिए अमेरिकी वादे के इर्द-गिर्द केंद्रित थी। उन्होंने कहा कि अमेरिका अफगानिस्तान की धरती पर तालिबान नियंत्रण वाले क्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय आतंववाद का अड्डज लिए मंच नहीं बनेगा ।
अमेरिकी विदेश विभाग ने मंगलवार को कहा कि अफगानिस्तान सुलह के लिए विशेष प्रतिनिधि राजदूत खलीलजाद आठ से 21 जनवरी तक अफगानिस्तान के साथ भारत, चीन और पाकिस्तान का दौरा करेंगे। उनके साथ एक प्रतिनिधिमंडल भी इन देशों की यात्रा पर जाएगा। यह दल अफगानिस्तान में राजनीतिक समाधान के लिए प्रत्येक देश में वरिष्ठ अधिकारियों से मिलेगा।
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