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चीन से सीमा पर तनाव के बीच अमेरिकी प्रशासन का भारत से अभूतपूर्व सहयोग

अमेरिकी राजदूत से दो दिन पहले अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कहा था कि चीनी सेना की आक्रामक गतिविधियां क्षेत्र में अस्थिरता फैलाने वाली हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Thu, 23 Jul 2020 07:51 PM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2020 08:02 PM (IST)
चीन से सीमा पर तनाव के बीच अमेरिकी प्रशासन का भारत से अभूतपूर्व सहयोग
चीन से सीमा पर तनाव के बीच अमेरिकी प्रशासन का भारत से अभूतपूर्व सहयोग

वाशिंगटन, प्रेट्र। भारत में अमेरिका के वरिष्ठतम राजदूत केन जस्टर ने कहा कि चीनी सीमा पर नवीनतम झड़प के बीच ट्रंप प्रशासन ने भारत के साथ बेहद नजदीकी संपर्क और जबरदस्त सहयोग कायम रखा है। उन्होंने कहा कि पिछले छह महीने द्विपक्षीय संबंध के लिहाज से अभूतपूर्व रहे हैं।

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अमेरिका भारत व्यवसाय परिषद (UIBC) की ओर से आयोजित वार्षिक विचार शिखर सम्मेलन में भारत में अमेरिकी राजदूत केन जस्टर ने कहा कि फिलहाल हम भारत की उत्तरी सीमाओं पर चीन के खड़े किए विवादों पर नजर बनाए हुए हैं। चीन ने नासिर्फ पूरे पश्चिमी क्षेत्र में विवाद खड़ा कर दिया है बल्कि मध्य और पूर्वी क्षेत्रों को भी अशांत कर दिया है। इन सब हालात के बीच भारतीय प्रतिपक्षियों से हमारे बेहद करीबी संपर्क रहे हैं। बेहद बेबाकी से दोनों देश अभूतपूर्व सहयोग कर रहे हैं।

एलएसी के हालातों पर अमेरिका बनाए हुए है नजदीकी

अमेरिकी राजदूत से दो दिन पहले अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने कहा था कि चीनी सेना की आक्रामक गतिविधियां क्षेत्र में अस्थिरता फैलाने वाली हैं। एस्पर ने यह भी कहा था कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच के हालात पर वह नजदीकी नजर बनाए हुए हैं।

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो की एस जयशंकर से हुई कई बार बातचीत

जस्टर ने कहा कि हमने अमेरिकी राष्ट्रपति के भारत दौरे के बाद भारतीय प्रधानमंत्री से कई वार्ताएं देखी हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री ने भी विभिन्न अवसरों पर भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर से बातचीत की है। मेरे ख्याल से इससे रिश्ते बेहद मजबूत हुए हैं। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के मंत्रियों के बीच विभिन्न स्तरों पर अहम बातचीत हुई है। इसमें वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और विल्बर रॉस की बातचीत भी अहम है। उन्होंने कि पिछले छह महीनों में दोनों देशों के बीच विभिन्न स्तरों पर बातचीत की इन्हीं दौर से बेहद निकटता आई है। दोनों देशों के बीच गहरा विश्वास और आदर का भाव पनपा है।

दरअसल विगत पांच मई से पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच तनातनी बढ़ गई है। हालात पिछले महीने तक अत्यधिक बिगड़ गए जब गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में बीस भारतीय जवान शहीद हो गए।


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