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अमेरिका में बसने वाले भारतीयों के लिए मुश्किलें, ग्रीन कार्ड नीति में बदलाव की तैयारी

अमेरिका में स्थायी तौर पर बसने की चाह रखने वाले दक्षिण एशियाई देशों खासतौर से भारत के नागरिकों को बड़ा झटका लग सकता है।

By Manish NegiEdited By: Published: Wed, 26 Sep 2018 02:34 PM (IST)Updated: Wed, 26 Sep 2018 02:34 PM (IST)
अमेरिका में बसने वाले भारतीयों के लिए मुश्किलें, ग्रीन कार्ड नीति में बदलाव की तैयारी
अमेरिका में बसने वाले भारतीयों के लिए मुश्किलें, ग्रीन कार्ड नीति में बदलाव की तैयारी

वाशिंगटन, प्रेट्र। ट्रंप प्रशासन अमेरिका की ग्रीन कार्ड नीति में बड़े बदलाव की तैयारी में है। इससे अमेरिका में स्थायी तौर पर बसने की चाह रखने वाले दक्षिण एशियाई देशों खासतौर से भारत के नागरिकों को बड़ा झटका लग सकता है।

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अमेरिका में दक्षिण एशियाई लोगों के संगठन साउथ एशियन अमेरिकन लीडिंग टुगेदर (एसएएएलटी) ने मंगलवार को यहां कहा कि नए नियमों का सबसे प्रतिकूल असर दक्षिण एशियाई समुदाय पर पड़ सकता है। ट्रंप प्रशासन के प्रस्तावित नियमों के तहत उन आप्रवासियों को ग्रीन कार्ड जारी किए जाने से इन्कार किया जा सकता है जो सरकारी सुविधाओं का लाभ उठा चुके हैं या उठाने वाले हैं। एसएएएलटी ने डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (डीएचएस) के इस प्रस्ताव की निंदा की है। प्यू रिसर्च सेंटर के हालिया अध्ययन के अनुसार, अमेरिका में हर चार में एक आप्रवासी बांग्लादेश या नेपाल का है जो पहले से ही गरीबी से जूझ रहे हैं। इनके अलावा हर तीन में एक आप्रवासी भूटान मूल का है। उनका भी यही हाल है। ऐसे में नए नियमों से इन लोगों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

एसएएएलटी की कार्यकारी निदेशक सुमन रघुनाथन ने कहा, 'यह उन आप्रवासियों को दंडित करना होगा जो सही तरीके से सरकारी सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। इसके वे हकदार हैं। नए नियम ऐसे आप्रवासी परिवारों को नागरिकता और बुनियादी जरूरतों में से किसी एक के चुनाव के लिए विवश करने जैसा होगा।'

क्या है ग्रीन कार्ड

ग्रीन कार्ड पाने वाले को अमेरिका में स्थायी रूप से बसने और काम करने का अधिकार मिल जाता है। यह कार्ड पाने के लिए गत अप्रैल तक छह लाख से ज्यादा भारतीय आप्रवासियों ने आवेदन कर रखा था।


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