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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सीरिया मामले में मसौदा प्रस्ताव पर वोटिंग स्थगित

अल ओतैबी जो फरवरी माह के लिए सुरक्षा परिषद में अध्यक्ष हैं, ने कहा कि परिषद के सदस्य शुक्रवार को सभी समझौते पर सहमति बनाने में असफल हो गए।

By Srishti VermaEdited By: Published: Sat, 24 Feb 2018 11:34 AM (IST)Updated: Sat, 24 Feb 2018 11:46 AM (IST)
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सीरिया मामले में मसौदा प्रस्ताव पर वोटिंग स्थगित
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सीरिया मामले में मसौदा प्रस्ताव पर वोटिंग स्थगित

संयुक्त राष्ट्र (आइएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सीरिया में 30 दिनों के सीजफायर की मांग के मसौदा प्रस्ताव पर वोटिंग को शनिवार तक के लिए स्थगित कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र में कुवैत के राजदूत मंसूर अल ओतैबी ने ये जानकारी दी। अल ओतैबी जो फरवरी माह के लिए सुरक्षा परिषद में अध्यक्ष हैं, ने कहा कि परिषद के सदस्य शुक्रवार को सभी समझौते पर सहमति बनाने में असफल हो गए। कहा कि परिषद के सदस्य समझौतों के बेहद करीब थे लेकिन उस पर सहमति बनाने में सफल नहीं हो पाए। हम समझौता मसौदा प्रस्ताव पर काम कर रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि परिषद एकजुट होगी और सभी 15 वोट इसके पक्ष में आयेंगे।

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इस प्रस्ताव का मसौदा कुवैत और स्वीडन के द्वारा तैयार किया गया था। मसौदे में उन्होंने सीरिया पर 30 दिन के लिए सीजफायर की मांग रखी थी ताकि नागरिकों की सहायता की जा सके। मसौदे पर एक वोटिंग शुक्रवार को की जानी थी। स्वीडिश युएन राजदूत ओलोफ स्कूग ने कहा, वे शुक्रवार की प्रक्रिया के बाद काफी परेशान हो गए हैं कि सीरिया के लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए सुरक्षा परिषद इन समझौतों को अपनाने में सक्षम नहीं है। कहा कि मसौदे पर अब शनिवार को चर्चा की जाएगी। लेकिन हम हार मानने नहीं वाले हैं। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि शनिवार को चर्चा के बाद कुछ अच्छे परिणाम निकल कर आयेंगे।

स्कूग ने आगे कहा, मुख्य समस्या सीजफायर के लिए समयसीमा को लेकर आ रही थी। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि हम सभी इस बात से सहमत हैं कि सीरिया पर तत्काल सीजफायर किया जाना अति आवश्यक है। लेकिन इस बात पर अभी भी चर्चा किया जाना बाकी है। इसके पहले के मसौदे में 72 घंटे के सीजफायर की बात कही गई थी। कुवैत और स्वीडन ने 9 फरवरी को इस मामले में एक मसौदा प्रस्ताव पेश किया था। लेकिन रूस जिसके पास सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में वीटो शक्ति है ने इस पर संशोधन की मांग की थी


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