गर्भवती महिला को कोरोना संक्रमण होने पर मौत का खतरा 20 गुना ज्यादा, जानें कितना बड़ा है यह जोखिम
एक विश्वव्यापी सर्वे में पाया गया है कि गर्भवती महिलाओं को कोरोना संक्रमण होने पर प्रसव के दौरान उनकी मौत की आशंका बीस गुना बढ़ जाती है। वाशिंगटन और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के 2100 गर्भवती महिलाओं पर किए गए शोध में यह निष्कर्ष निकाला गया है।
न्यूयार्क, आइएएनए। एक विश्वव्यापी सर्वे में पाया गया है कि गर्भवती महिलाओं को कोरोना संक्रमण होने पर प्रसव के दौरान उनकी मौत की आशंका बीस गुना बढ़ जाती है। वाशिंगटन और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (Universities of Washington, Universities of Oxford) के 2100 गर्भवती महिलाओं पर किए गए शोध में यह निष्कर्ष निकाला गया है। 18 निम्न, मध्यम और उच्च आय वर्ग के देशों के 43 प्रसूति अस्पतालों में यह अध्ययन किया गया है।
इसके मुताबिक पिछले साल अप्रैल से अगस्त के बीच कराए गए शोध में दो समूहों के बीच तुलनात्मक अध्ययन किया गया। एक समूह की गर्भवती महिलाएं कोरोना से संक्रमित थीं, जबकि दूसरे समूह की महिलाओं को ऐसा कोई संक्रमण नहीं था। जामा पेटियाट्रिक्स जरनल में प्रकाशित शोध में बताया गया है कि मां और शिशु की मौत के खतरे के अलावा उन्हें समय पूर्व प्रसव आदि तकलीफों का भी सामना करना पड़ रहा था।
अध्ययन में पाया गया कि जिन माताओं को पॉजिटिव पाया गया उनसे उनके 11.5 फीसद शिशुओं में भी संक्रमण पहुंचा। वैज्ञानिकों का कहना है कि जिन गर्भवती महिलाओं को मोटापे, हाई बीपी या मधुमेह की गंभीर बीमारी थी वे सबसे ज्यादा जोखिम में थीं। यूडब्ल्यू स्कूल ऑफ मेडिसिन में प्रसूति और स्त्री रोग के प्रोफेसर माइकल ग्रेवेट ने कहा कि यदि गर्भवती महिलाओं को कोरोना संक्रमण होता है तो उनके बहुत बीमार होने की आशंका होती है।
वहीं जर्नल मेड (Journal Med) में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि कोरोना वायरस का प्लेसेंटा में मिलना दुर्लभ है। अमेरिका में येल विश्वविद्यालय (Yale University in US) में सहायक प्रोफेसर शेलि फरहादियन (Shelli Farhadian) का कहना है कि प्लेसेंटा में संक्रमण के खिलाफ एक मजबूत प्रतिरक्षा होती है। यह अध्ययन ऐसे वक्त में सामने आया है जब दुनिया के कई देश कोरोना की दूसरी लहर की मार झेल रहे हैं।