विनाशकारी चक्रवात 'फन' से निपटने की भारत की तैयारी को संयुक्त राष्ट्र ने सराहा
तटीय जिलों में सैकड़ों मकान नष्ट हो गए हैं। देश के कई इलाकों में बिजली आपूर्ति और इंटरनेट सेवा बाधित हुई।
संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र। बंगाल की खाड़ी से उठे विनाशकारी चक्रवात 'फन' से निपटने की भारत की तैयारियों को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने सराहा है। यूएन एजेंसी फॉर डिजास्टर रिस्क रिडक्शन ने चक्रवात का सटीक पूर्वानुमान लगाने और सही वक्त पर चेतावनी जारी करने के लिए भारतीय मौसम विभाग की भी तारीफ की है। एजेंसी ने कहा कि इसी कारण लोगों को सही वक्त पर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना संभव हुआ और जिससे जानमाल का नुकसान कम हुआ।
यूएन महासचिव एंटोनियो गुतेरस के प्रवक्ता ने कहा कि भारत में मौजूद हमारे अधिकारियों ने भी तैयारियों का जायजा लिया था। डिजास्टर रिस्क रिडक्शन मामले में यूएन महासचिव के विशेष प्रतिनिधि (एसआरएसजी) मामी मिजुतोरी ने कहा, 'भारत ने नुकसान कम से कम करने का लक्ष्य लेकर अपनी तैयारी की थीं। वह सेंडाइ फ्रेमवर्क के उद्देश्यों को पूरा करने में अहम योगदान दे रहा है।' सेंडाइ फ्रेमवर्क फॉर डिजास्टर रिस्क रिडक्शन 2015-2030 को यूएन के सदस्य देशों ने मार्च 2015 में स्वीकार किया था। इसके तहत आपदा प्रबंधन में केंद्र सरकार के साथ स्थानीय प्रशासन की भूमिका भी तय हुई थी।
बांग्लादेश में 14 की मौत
फन चक्रवात ने शुक्रवार को भारत में जमकर तबाही मचाई थी। शनिवार को यह पश्चिम बंगाल होते हुए बांग्लादेश पहुंच गया। ढाका से मिली खबरों के मुताबिक फणि के कारण हुए हादसों में बांग्लादेश में 14 लोगों की मौत हो गई जबकि 63 अन्य घायल हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि करीब 16 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है क्योंकि देश में तटीय इलाकों के करीब 36 गांवों में चक्रवात के कारण पानी भर गया है। इन सुरक्षित स्थानों में चार हजार आश्रय स्थल शामिल हैं। नोआखली, भोला और लक्ष्मीपुर समेत आठ जिलों से लोगों के मारे जाने की खबर मिली है।
तटीय जिलों में सैकड़ों मकान नष्ट हो गए हैं। देश के कई इलाकों में बिजली आपूर्ति और इंटरनेट सेवा बाधित हो गई है। देश के कई इलाकों में अभी भी बादल घिरे हुए हैं और तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है। खराब मौसम के चलते अब तक 12 उड़ानों को रद किया जा चुका है। बांग्लादेश मौसम विभाग के निदेशक शमसुद्दीन अहमद ने बताया कि फणि के कारण बड़ी तबाही का खतरा टल गया है क्योंकि यह चक्रवात अब कमजोर पड़ गया है।
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