CAA और NRC को लेकर यूएन ने जारी किया बयान, ममता ने की थी देश में जनमत संग्रह की मांग
शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नागरिकता संशोधन कानून पर संयुक्त राष्ट्र की देखरेख में जनमत संग्रह कराने की मांग की थी।
संयुक्त राष्ट्र, आइएएनएस। संयुक्त राष्ट्र (UN) प्रवक्ता ने शनिवार को कहा कि यह वैश्विक निकाय सिर्फ राष्ट्रीय सरकार के अनुरोध पर ही जनमत संग्रह में शामिल होता है। शुक्रवार को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नागरिकता संशोधन कानून पर यूएन की देखरेख में जनमत संग्रह कराने की मांग की थी।
इस संबंध में पूछे जाने पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस के प्रवक्ता स्टीफन दुजैरिक ने कहा कि किसी चुनावी कार्य और जनमत संग्रह में संयुक्त राष्ट्र के शामिल होने की मानक नीति यही है कि इसके लिए राष्ट्रीय सरकार अनुरोध करे। उन्होंने कहा कि यह मामला सिर्फ ममता बनर्जी के मांग करने का नहीं बल्कि बयान के स्तर का है जिस पर संयुक्त राष्ट्र काम करता है।
अपने बयान से पलटी ममता बनर्जी
बता दें कि शुक्रवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के विरोध में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सारी सीमाएं लांघ दी थी। ममता ने कहा था कि अगर भाजपा में हिम्मत है तो वह NRC व CAA पर संयुक्त राष्ट्र (UN) की निगरानी में जनमत संग्रह कराए। वहीं, बाद में अपनी मांग से पलटते हुए ममता ने यह भी कहा था कि उनका मतलब मानवाधिकार आयोग जैसे किसी निकाय की देखरेख में ओपिनियन पोल कराने से था।
गौरतलब है कि CAA और NRC के खिलाफ लगातार तृणमूल कांग्रेस का विरोध जारी है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी महानगर के रानी रासमणि रोड में रैली को संबोधित किया था। उन्होंने भाजपा का नाम नहीं लिए बगैर कहा कि यहां हम किसी की दया पर नहीं रहते। CAA और NRC को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में लगातार बीते पांच दिनों से तृणमूल कांग्रेस का विरोध जारी है।