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संयुक्त राष्ट्र महासभा में बोलीं सुषमा, नेल्सन मंडेला को भारत रत्न मानते हैं हम

संयुक्त राष्ट्र महासभा में सुषमा स्वराज ने कहा, हमें गर्व है कि हम नेल्सन मंडेला को भारत रत्न कहते हैं।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Wed, 26 Sep 2018 08:19 AM (IST)Updated: Wed, 26 Sep 2018 05:03 PM (IST)
संयुक्त राष्ट्र महासभा में बोलीं सुषमा, नेल्सन मंडेला को भारत रत्न मानते हैं हम
संयुक्त राष्ट्र महासभा में बोलीं सुषमा, नेल्सन मंडेला को भारत रत्न मानते हैं हम

संयुक्त राष्ट्र (प्रेट्र)। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को यहां कहा कि दक्षिण अफ्रीका के दिवंगत राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला की विचारधारा दुनिया में पहले से ज्यादा प्रासंगिक हैं। 'मदीबा' के नाम से मशहूर मंडेला के साथ भारत के मजबूत रिश्ते का जिक्र करते हुए स्वराज ने कहा कि भारतीय उन्हें अपना मानते हैं। उन्होंने कहा, 'हमें गर्व है कि हम उन्हें भारत रत्न कहते हैं।' मालूम हो कि मंडेला को 1990 में 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया था।

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संयुक्त राष्ट्र महासभा के 73वें सत्र में बहस की शुरुआत से पहले सोमवार को आयोजित नेल्सन मंडेला शांति सम्मेलन में स्वराज ने कहा, 'नेल्सन मंडेला का जीवन सभी के लिए प्रेरणा है। भेदभाव और प्रतिकूल स्थिति के बाद भी उन्होंने निडरता और साहस दिखाया।' स्वराज ने कहा कि मंडेला की ओर से अपनाए गए त्याग, करुणा और सामाजिक समावेश के मूल्यों की अब मौजूदा उथल-पुथल भरी दुनिया में पहले से कहीं ज्यादा जरूरत है।

स्वराज ने कहा कि आज दुनिया 'संघर्ष, आतंक और नफरत भरी विचारधारा से भरी है, जो सीमाओं से परे हैं और हमारी जिंदगी पर असर डाल रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'एक वैश्विक परिवार के तौर पर हमारे सामूहिक अस्तित्व को मंडेला जैसे महान नेता की बुद्धिमता की जरूरत है और यह हमारा नैतिक दायरा होना चाहिए।' उन्होंने कहा, 'भारत, अफ्रीका एवं उसके लोगों के साथ अपने विशेष संबंध और लंबे समय से कायम साझेदारी पर गर्व करता है। मंडेला और गांधी के दर्शन में हमारा करीबी रिश्ता झलकता है।' सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक न्यायपूर्ण, शांतिपूर्ण एवं समृद्ध संसार बनाने की प्रतिज्ञा लेकर मंडेला के प्रति सम्मान प्रकट किया।

विदेशी समकक्षों के साथ सुषमा ने की द्विपक्षीय बैठकें

विदेश मंत्री ने महासभा के उच्चस्तरीय सत्र से इतर अपने महत्वपूर्ण विदेशी समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं। उन्होंने मोरक्को के विदेश मंत्री नासिर बोरिता, यूरोपीय संघ में विदेशी मामलों की उच्च प्रतिनिधि फेडेरिका मोघेरिनी, लिचटेंस्टीन की विदेश मंत्री ऑरेलिया फ्रिक, नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली, स्पेन के विदेश मंत्री जोसफ बोरेल, कोलंबिया के विदेश मंत्री कार्लोस होम्स त्रुजिलो, इक्वाडोर के विदेश मंत्री जोस वालेंसिया, ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मारिस पायने और मंगोलिया के विदेश मंत्री दामदिन सोग्तबातार से मुलाकात की।


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