US में बेरोजगारी की दर 3 से बढ़कर हुई 14 फीसद, भारतीयों पर भी मंडरा रहा दोहरा संकट
अमेरिका में कोरोना की वजह से 3 करोड़ से अधिक लोगों की नौकरियां चली गई हैं। इसमें भारतीय भी शामिल हैं। लेकिन इन्हें अब दोहरी मार सहनी पड़ रही है।
वाशिंगटन। कोरोना संकट के चलते अमेरिका में बेरोजगारी की दर 3 फीसद से बढ़कर 14 फीसद तक हो गई है। यहां पर पिछले दो महीने में करीब 3.3 करोड़ अमेरिकियों की नौकरी गई है। कोरोना संकट के चलते जिन्होंने अपनी नौकरी गंवाई है उनमें भारतीय भी कम नहीं हैं। वहीं नौकरी के अलावा भारतीयों को अब अमेरिका एक और भी समस्या आ खड़ी हुई है। यहां जिन भारतीयों की नौकरी चली गई हैं, उन्हें 60 दिन में अमेरिका छोड़ना होगा। लेकिन वहीं वैश्विक प्रतिबंधों के बीच अमेरिका में एच-1बी वीजा व ओसीआई कार्ड धारक भारतीयों के बच्चों को स्वदेश आने की इजाजत नहीं दी जाएगी क्योंकि इन भारतीयों के बच्चे जन्म अमेरिका में पैदा हुए हैं इसकी वजह से वे सब अमेरिकी नागरिकों की श्रेणी में आते हैं। ऐसे में उनका वापस लौटना मुश्किल हो गया है।
पिछले महीने एच-1बी वीजा धारक भारतीयों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से अपील की थी कि नौकरी खोने के बाद देश छोड़ने की समय सीमा को 60 दिनों से बढ़ाकर 180 दिन कर दिया जाएगा। लेकिन व्हाइट हाउस की तरफ से इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया। आपको यहां पर ये भी बता दें कि अमेरिका में बेरोजगारी के तहत भत्ता पाने वालों ने वहां पर रिकॉर्ड संख्या में आवेदन किए हैं।
कोरोना की मार से अमेरिका इस कदर कमजोर हुआ है जितना वह पहले कभी नहीं था। मरीजों की ही बात करें तो कोरोना संक्रमितों की संख्या के मामले में अमेरिका नंबर एक पर है। यहां पर अब तक 1408636 मरीज हैं वहीं 83425 मरीजों की मौत भी हो चुकी है। कोरोना से मौतों के आंकड़े में भी अमेरिका नंबर वन पर ही है। यहां पर अब तक 296746 मरीज ठीक हुए हैं और 1028465 एक्टिव मरीज हैं। करीब 463432 मरीजों की हालत यहां पर बेहद नाजुक बनी हुई है।
आपको यहां पर ये भी बता दें कि अमेरिका के सभी 50 राज्यों में लॉकडाउन जारी है। हालांकि कुछ जगहों पर इसमें ढील भी दी गई है। वहीं अमेरिकी विशेषज्ञ ये भी कह रहैं कि लॉकडाउन में ढील देने से अभी मामले बढ़ सकते हैं। इतना ही नहीं अमेरिका में कोरोना के अलावा भी एक और दुर्लभ बीमारी ने बच्चों को जकड़ना शुरू कर दिया है। इस बीमारी में बच्चों के शरीर की नसों में सूजन की वजह अब तक तीन बच्चों की जान तक चली गई है। इस तरह की बीमारी की शुरुआत कनाड़ा में हुई थी जहां पर कोरोना के मरीजों में शामिल बच्चों में ऐसे लक्षण देखे गए थे।