अमेरिका में चरम पर बेरोजगारी, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बोले- अगले पैकेज की जल्दबाजी नहीं
अमेरिका में कोरोना के चलते बढ़ती बेरोजगारी के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि फिलहाल एक और वित्तीय राहत पैकेज को लेकर सरकार किसी जल्दबाजी में नहीं है।
वाशिंगटन, एपी। अमेरिका में कोरोना महामारी के कारण बेरोजगारी के बढ़ते आंकड़ों के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि फिलहाल एक और वित्तीय राहत पैकेज को लेकर सरकार जल्दबाजी में नहीं है। अमेरिका के श्रम विभाग का कहना है कि देश में बेरोजगारी की दर महामंदी के बाद से सर्वोच्च स्तर पर है। डेमोक्रेटिक सीनेटर चक शुमर ने हाल ही में कहा है कि मौजूदा आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी संकट से निपटने के लिए पैकेज की जरूरत है। उन्होंने इसे रूजवेल्टियन स्टाइल पैकेज नाम दिया है।
आर्थिक विकास दर शून्य से नीचे
आइएमएफ और वर्ल्ड बैंक ने अमेरिका की आर्थिक विकास दर शून्य से नीचे जाने का अनुमान जताया है। वहीं, व्हाइट हाउस के अधिकारियों का कहना है कि दूसरी तिमाही में विकास दर शून्य से 15 से 20 फीसद नीचे जा सकती है। पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने डेमोक्रेटिक नेताओं के प्रस्ताव पर भी विचार करने की बात कही है। डेमोक्रेट नेताओं के प्रस्ताव में करीब एक लाख करोड़ डॉलर के पैकेज की बात हो सकती है। नौकरियां बचाने के लिए कई राज्य और शहर इस तरह के पैकेज की मांग कर रहे हैं।
राज्य मांग रहा पैकेज
हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी की ओर से तैयार किया जा रहा पैकेज हाल के हफ्तों में कांग्रेस की ओर से पांचवां पैकेज है। इसमें गवर्नरों की तरफ से 500 अरब डॉलर और शहरों व काउंटी की तरफ से 300 अरब डॉलर के पैकेज की मांग की गई है। वित्त मंत्री स्टीवन न्यूचिन ने कहा, 'राष्ट्रपति का नजरिया स्पष्ट है कि हम राज्यों की मदद करेंगे, लेकिन राज्यों की वित्तीय जरूरतों के लिए पैकेज नहीं देने जा रहे।' व्हाइट हाउस प्रेस सेक्रेटरी केली मैककेनी ने कहा, 'मुझे लगता है कि आगे बढ़ने की जरूरत है और हम फेज-4 के पैकेज का इंतजार कर रहे हैं। राष्ट्रपति भी ऐसा ही सोचते हैं, इसलिए बात चल रही है।'
बेरोजगारी चरम पर
इस बीच, अमेरिका में बेरोजगारी अपने चरम पर पहुंच गई है। दो महीने में 3.3 करोड़ से ज्यादा अमेरिकियों की नौकरी चली गई है। अप्रैल में बेरोजगारी की दर 14.7 प्रतिशत पहुंच गई है। बेरोजगारी के आंकड़े 1948 से जुटाए जा रहे हैं और तब से यह बेरोजगारी की सर्वाधिक दर है। हालात महामंदी से बदतर होते दिख रहे हैं। मौजूदा हालात को देखते हुए अमेरिकी सरकार एच-1बी वीजा समेत कार्य आधारित विभिन्न वीजा पर रोक लगाने की तैयारी कर रही है। एच-1बी एक नॉन इमीग्रेंट वीजा है, जिसके जरिये अमेरिकी कंपनियां कुछ विशेष क्षेत्रों में विदेशी लोगों को नौकरी पर रखती हैं। भारत और चीन के नागरिक इस वीजा के बड़े लाभार्थियों में हैं।