भारत और दक्षिण अमेरिका में हमने लोगों को कोरोना से दम तोड़ते देखा : UN महासचिव
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरस ने कहा कि भारत दक्षिण अमेरिका और अन्य में हमने लोगों को कोविड-19 महामारी के चलते आंखों के सामने दम तोड़ते देखा है। महामारी की शुरुआत में मैंने चेतावनी दी थी कि कोई तब तक सुरक्षित नहीं है जब तक हर कोई सुरक्षित न हो।
संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरस ने कहा कि भारत, दक्षिण अमेरिका और अन्य क्षेत्रों में हमने लोगों को कोविड-19 महामारी के चलते आंखों के सामने दम तोड़ते देखा है। उन्होंने कहा कि महामारी की शुरुआत में मैंने चेतावनी दी थी कि कोई भी तब तक सुरक्षित नहीं है जब तक कि हर कोई सुरक्षित न हो। टीकों, परीक्षणों, दवाओं और आक्सीजन सहित आपूíत की असमान पहुंच ने गरीब देशों को वायरस की दया पर छोड़ दिया है।
कहा, वायरस अब भी हमारे साथ है और खुद को बदल रहा है
गुतेरस ने ग्लोबल हेल्थ समिट को दिए अपने बयान में कहा, भारत, दक्षिण अमेरिका और अन्य क्षेत्रों में कोरोना महामारी की हालिया लहर ने लोगों को सचमुच हमारी आंखों के सामने दम तोड़ते देखा है। वायरस अब भी हमारे साथ है, फल-फूल रहा है और खुद को बदल रहा है।
उन्होंने कहा, यह स्पष्ट है कि हम वायरस के साथ युद्ध में हैं। और यदि आप वायरस से युद्ध में हैं, तो हमें अपने हथियारों से युद्ध अर्थव्यवस्था के नियमों के तहत निपटने की आवश्यकता है। लेकिन हम अभी तक वहां नहीं हैं। और यह टीकों के लिए सच है। यह वायरस के खिलाफ लड़ाई में अन्य घटकों के लिए सच है।
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उन्होंने कहा कि अब तक कोवैक्स के तहत दुनिया भर में टीके की 17 करोड़ डोज देनी चाहिए थी, वैक्सीन राष्ट्रवाद, सीमित उत्पादन क्षमता और धन की कमी के कारण यह आंकड़ा सिर्फ 6.5 करोड़ डोज हो गई है।
उन्होंने कहा, मैं जी-20 देशों से नेतृत्व करने और फंडिंग के अपने पूरे हिस्से का योगदान करने का आह्वान करता हूं। अरबों का निवेश खरबों की बचत कर सकता है और जीवन बचा सकता है। गुतेरस ने जोर देकर कहा कि दुनिया भर में तेजी से और पूरी तरह से टीकाकरण, सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों के साथ, महामारी को समाप्त करने और अधिक खतरनाक रूपों को पैर जमाने से रोकने का एकमात्र तरीका है।