भारत-पाक के बीच युद्धविराम समझौते का UN ने किया स्वागत, बातचीत का रास्ता खुलने की उम्मीद जताई
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस बोले यह सकारात्मक कदम भारत और पाकिस्तान को बातचीत के लिए अवसर मुहैया कराएगा। इससे पहले साल 2003 में भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा(एलओसी) पर युद्धविराम को लेकर समझौता हुआ था।
संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम के समझौतों का सख्ती से पालन करने के लिए भारत और पाक सेनाओं द्वारा की गई घोषणा का स्वागत किया है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि यह सकारात्मक कदम आगे की बातचीत के लिए दोनों पक्षों को अवसर मुहैया कराएगा। गुतेरस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने गुरुवार को अपनी नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा, 'यूएन महासचिव कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर सीजफायर के सभी समझौतों के सख्ती से पालन और स्थापित तंत्र के जरिए संपर्क में रहने संबंधी दोनों देशों की सेनाओं के संयुक्त बयान से उत्साहित हैं।'
दुजारिक ने कहा, 'वह उम्मीद करते हैं कि यह सकारात्मक कदम आगे की बातचीत के लिए अवसर मुहैया कराएगा।' जब दुजारिक से पूछा गया कि क्या महासचिव गुतेरस दोनों देशों के नेताओं से बात कर सकते हैं तो उन्होंने कहा कि फिलहाल ऐसी कोई योजना नहीं है। हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि दोनों देशों में से कोई भी मध्यस्थता का अनुरोध करेगा तो उनका कार्यालय इसके लिए हमेशा तैयार है। उधर, संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र के अध्यक्ष वोल्कन बोजकिर ने भी ट्वीट करके कहा कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर समझौते का तहे दिल से स्वागत करते हैं। बता दें कि दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच हुई बातचीत के बाद संघर्ष विराम का निर्णय लिया गया है।
इससे पहले गुरुवार को भारत और पाकिस्तान नियंत्रण रेखा ([एलओसी)] समेत सीमा के दूसरे सेक्टरों पर लंबे समय से जारी संघषर्ष विराम उल्लंघन का दौर रोकने पर सहमत हो गए। अरसे बाद दोनों देशों के सैन्य महानिदेशकों ([डीजीएमओ)] की आपसी बातचीत में सीमा पर संघषर्ष विराम उल्लंघन रोकने पर यह सहमति बनी है। इसके मद्देनजर भारत और पाकिस्तान दोनों ने गुरवार को संयुक्त बयान जारी कर संघषर्ष विराम समझौतों का क़़डाई से पालन करने की बात कही। ताजा सहमति 24--25 फरवरी की मध्यरात्रि से लागू हो गई है।