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महिलाओं पर किए अपने वादे से पीछे हटा तालिबान तो यूएन प्रमुख ने जमकर लगाई लताड़

तालिबान के महिलाओं पर किए वादों से पीछे हटने के बाद यूएन प्रमुख ने उनसे इन वादों को पूरा करने की अपील की है। उन्‍होंने कहा कि बिना महिलाओं को हक दिए देश की अर्थव्‍यवस्‍था में सुधार नहीं लाया जा सकता है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 12 Oct 2021 09:19 AM (IST)Updated: Tue, 12 Oct 2021 09:21 AM (IST)
महिलाओं पर किए अपने वादे से पीछे हटा तालिबान तो यूएन प्रमुख ने जमकर लगाई लताड़
महिलाओं पर किए वादे पूरा करे तालिबान

न्‍यूयार्क (एएफपी)। संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव एंटोनियो गुटारेस ने तालिबान को जमकर महिलाओं पर किए अपने वादों से मुकरने को लेकर कड़ी फटकार लगाई है। उन्‍होंने तालिबान ने महिलाओं के लिए किए गए अपने वादों को तोड़ा है। वहीं, वो इस बात की अपील कर रहा है कि देश की आर्थिक हालत खराब है इसलिए विश्‍व वित्‍तीय मदद करे। उनका ये बयान तालिबान और अमेरिका के बीच हुई पहली दो दिवसीय आमने सामने की बैठक के बाद आया है जो रविवार को दोहा में संपन्‍न हुई थी।

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अमेरिका ने इस बैठक के बाद कहा था कि तालिबान के अफगानिस्‍तान पर कब्‍जे के बाद वहां पर महिलाओं के अधिकारों को खत्‍म करने के मामले लगातार बढ़े हैं। यूएन प्रमुख ने इन पर चिंता जताते हुए कहा कि वो खुद भी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि तालिबान महिलाओं के लिए किए गए अपने वादों से मुकर गया है। उन्‍होंने कहा कि वो तालिबान से अपील करते हैं कि वो महिलाओं के लिए किए गए अपने पूर्व के वादों को पूरा करे और वहां पर मानवाधिकारों के उल्‍लंघन के मामलों को कम करने में मदद करे।

उन्‍होंने ये भी कहा कि अगस्‍त में अपनी सरकार बनाने वाले तालिबान को अब भी विश्‍व ने मान्‍यता नहीं दी है। गुटारेस ने कहा कि तालिबान के वादों से मुकरने के बाद भी ऐसा नहीं होगा कि यहां की महिलाओं के सपने भी टूट कर बिखर जाएंगे। उन्‍होंने कहा कि वर्ष 2001 के बाद अफगानिसतान में करीब करीब 30 लाख लड़कियों ने स्‍कूल में शिक्षा के लिए रजिस्‍ट्रेशन करवाया था। बीते छह से दस वर्षों के बीच यहां पर लड़कियों की शिक्षा में काफी उछाल देखने को मिला था। देश की अर्थव्‍यवस्‍था में महिलाओं का योगदान अभूतपूर्व रहा था।

गुटारेस ने आगाह किया है कि अफगानिस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था अभूतपूर्व संकट से गुजर रही है। महिलाओं के बिना अफगानिस्‍तान की बेहतरी की कल्‍पना भी नहीं की जा सकती है। महिलाओं को समान अधिकार दिए बिना देश तरक्‍की नहीं कर सकेगा। इसका कोई विकल्‍प नहीं है। अफगानिस्‍तान की धन संपत्ति की निकासी पर विदेशों में रोक लगी हुई है। विकास के लिए दी जाने वाली मदद भी बंद है।

यूएन प्रमुख ने कहा कि हमें देश की अर्थव्‍यवस्‍था को दोबारा पटरी पर लाने के लिए रास्‍ते तलाशने होंगे। ये न केवल हिंसा छोड़कर किए जाने चाहिएं बल्कि अंतरराष्‍ट्रीय नियमों में रहते हुए इनको किया जाना चाहिए। उन्‍होंने विश्‍व से अपील की है कि अफगानिस्‍तान की खराब होती हालत को सुधारने के लिए विश्‍व को आगे आना चाहिए। अफगानिस्‍तान की बेहतरी के लिए तुरंत एक्‍शन लेने की जरूरत है।


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