यूक्रेन ने नाटो में जाने की इच्छा छोड़ने का दिया संकेत, रूस ने भी कहा- नहीं चाहता सत्ता परिवर्तन, तुर्की में विदेश मंत्रियों की होगी बैठक
यूक्रेन ने नाटो में जाने की इच्छा छोड़ने के संकेत दिए हैं। वहीं रूस का भी कहना है कि वह सत्ता परिवर्तन नहीं चाहता है। तुर्की के विदेश मंत्रियों की बैठक से पहले दोनों देशों के रुख में नरमी के बड़े संकेत दिए हैं।
कीव, रायटर। रूसी सेना ने बुधवार को यूक्रेन की राजधानी कीव, खारकीव, चार्निहीव, सूमी, मारीपोल और जपोरीजिया में युद्धविराम की घोषणा कर वहां से लोगों को निकलने के लिए रास्ता दिया। इन रास्तों से बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं निकलकर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं। पहले दो दिन विफल रहने के बाद मंगलवार और बुधवार को बड़ी संख्या में परेशानहाल लोग अपने शहरों से निकले हैं। सूमी से देर शाम तक ज्यादातर लोग निकल चुके हैं।
रूस बोला- यूक्रेन में सत्ता परिवर्तन मकसद नहीं
इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने नाटो में शामिल होने की इच्छा त्यागने संबंधी बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि वह नाटो की सदस्यता पाने के लिए घुटने पर आकर गिड़गिड़ाने वाले देश की पहचान नहीं चाहते। विदित हो कि यूक्रेन की नाटो में शामिल होने की इच्छा ही रूस के हमले का बड़ा कारण है। इस बीच रूस ने एक बार फिर कहा है कि यूक्रेन में सत्ता परिवर्तन करना उसका लक्ष्य नहीं है। वह यूक्रेन का विसैन्यीकरण कर उसकी तटस्थ भूमिका चाहता है।
बेहद अहम मानी जा रही यह बैठक
बुधवार को आए इन दोनों बयानों को गुरुवार को तुर्की में होने वाली रूस और यूक्रेन के विदेश मंत्रियों की वार्ता से पहले महत्वपूर्ण माना जा रहा है। महीनों बनी रही तनाव की स्थिति और उसके बाद छिड़े युद्ध के दौरान दोनों देशों के बीच यह पहली उच्चस्तरीय वार्ता है।
खतरा बरकरार
इस वार्ता से पहले यूक्रेन में युद्धविराम की स्थिति और बेलारूस में तीन दौर की वार्ता ने बेहतर पृष्ठभूमि तैयार की है। लेकिन आशंकाएं भी रह-रहकर सिर उठा रही हैं। इसी का नतीजा है कि राजधानी कीव और अन्य बड़े शहरों में रात के समय रह-रहकर हवाई हमलों से सावधान करने वाले सायरन गूंज उठते हैं।
बाइडन को दिया धन्यवाद
बुधवार को दिन में 12 घंटे का युद्धविराम रहा लेकिन रात को फिर से लड़ाई छिड़ने की आशंका पैदा हो गई। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने वीडियो लिंक से ब्रिटिश संसद को संबोधित करते हुए रूस को आतंकी देश घोषित करने की मांग की। जेलेंस्की ने रूस के तेल, गैस और कोयले पर प्रतिबंध लगाने संबंधी कदम का स्वागत करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को धन्यवाद दिया है।
22 लाख लोग पलायन कर पहुंचे पड़ोसी देशों में
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी संगठन के अनुसार यूक्रेन के युद्धग्रस्त इलाकों से अभी तक 22 लाख लोग निकलकर पड़ोसी देशों में पहुंच चुके हैं। इनमें से आधे लोग पोलैंड पहुंचे हैं जबकि बाकी अन्य देशों में। संगठन के अनुसार दिन देशों में यूक्रेनी लोग जा रहे हैं उनमें से मोल्दोवा को सबसे ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। मोल्दोवा यूरोपीय यूनियन का सदस्य नहीं है।