Move to Jagran APP

डेल्टा से कम घातक नहीं है ओमिक्रोन, हर तरह की प्रतिरक्षा को कर देता है नाकाम, ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने किया आगाह

ब्रिटेन में किए गए एक अध्ययन के आधार पर वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसे कोई सबूत नहीं हैं कि कोरोना का ओमिक्रोन वैरिएंट डेल्टा की तुलना में कम घातक है। कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर वैज्ञानिकों ने आगाह किया है...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 20 Dec 2021 04:41 PM (IST)Updated: Mon, 20 Dec 2021 10:52 PM (IST)
डेल्टा से कम घातक नहीं है ओमिक्रोन, हर तरह की प्रतिरक्षा को कर देता है नाकाम, ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने किया आगाह
ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकर एक हैरान करने वाली जानकारी दी है।

लंदन, पीटीआइ। ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन को लेकर एक हैरान करने वाली जानकारी दी है। ब्रिटेन में किए गए एक अध्ययन के आधार पर वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसे कोई सबूत नहीं हैं कि कोरोना का ओमिक्रोन वैरिएंट डेल्टा की तुलना में कम घातक है। वैज्ञानिकों ने नए अध्ययन में यह भी पाया गया कि ओमिक्रोन पिछले संक्रमण या कोविड-19 रोधी वैक्‍सीन से मिली प्रतिरक्षा को भी बड़े पैमाने पर चकमा देता है। 

loksabha election banner

ब्रिटेन में इंपीरियल कालेज लंदन के वैज्ञानिकों ने इस अध्ययन में पाया है कि ओमिक्रोन से रिइंफेक्‍शन का जोखिम डेल्टा वैरिएंट की तुलना में 5.4 गुना ज्‍यादा है। यानी यह पिछले संक्रमण से मिली प्रतिरक्षा को 19 फीसद तक नाकाम कर सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि भले ही इसके संक्रमितों के अस्पताल में भर्ती होने संबंधी आंकड़े बहुत कम हैं लेकिन अभी तक इस वैरिएंट के डेल्टा से कम गंभीर होने के कोई सबूत नहीं पाए गए हैं।

समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक वैज्ञानिकों ने इस अध्ययन में इंग्लैंड में सभी आटी-पीसीआर जांच से पुष्ट सार्स-कोवी-2 के मामलों के आंकड़ों का इस्‍तेमाल किया। इस साल के 29 नवंबर और 11 दिसंबर के बीच इन नमूनों की कोविड-19 जांच की गई थी। ये नमूने संक्रमित होने वाले उन लोगों के थे जिनमें जीनोटाइप डेटा के साथ ओमिक्रोन संक्रमण की पुष्टि हुई थी। फि‍लहाल यह अध्ययन अभी प्रकाशित नहीं हुआ है।

उल्‍लेखनीय है कि डब्ल्यूएचओ ने हाल ही में कहा था कि ओमिक्रोन के सामुदायिक संक्रमण वाले क्षेत्रों में डेढ़ से तीन दिन में ही मामले दोगुना हो रहे हैं। ओमिक्रोन को फैलने से रोकने के लिए ठोस स्वास्थ्य सुविधाएं एवं सामाजिक उपायों को बढ़ाए जाने की जरूरत है। मौजूदा वक्‍त में यह वायरस उच्च स्तर के जनसंख्या प्रतिरक्षा वाले देशों में बहुत तेजी से फैल रहा है। डब्‍ल्यूएचओ ने यह भी आगाह किया था कि तेजी से मामले बढ़ने से अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.