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उइगर महिला ने चीन के हिरासत केंद्रों में अल्पसंख्यक समुदाय पर अत्याचार की पोल खोली

चीन ने करीब 20 लाख उइगर मुस्लिमों को बंदी बना रखा है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 27 Nov 2018 06:18 PM (IST)Updated: Tue, 27 Nov 2018 10:56 PM (IST)
उइगर महिला ने चीन के हिरासत केंद्रों में अल्पसंख्यक समुदाय पर अत्याचार की पोल खोली
उइगर महिला ने चीन के हिरासत केंद्रों में अल्पसंख्यक समुदाय पर अत्याचार की पोल खोली

वाशिंगटन, एपी/रायटर। चीन के हिरासत केंद्रों में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर हो रहे अत्याचार की एक उइगर महिला ने पोल खोली है। उसने बताया कि उसे तीन बार बंदी बनाया गया। हिरासत शिविरों में उसे यातनाओं का सामना करना पड़ा और उसका सिर भी मुड़वा दिया गया। उसे चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के गुणगान वाला गाना भी गाना पड़ता था। चीन में शिक्षा के नाम पर बनाए गए इस तरह के शिविरों में हजारों उइगर मुस्लिमों को रखा गया है। चीन हालांकि इससे इन्कार करता है।

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तीन बार बंदी बनाई गई महिला को दी गई यातनाएं, सिर भी मुड़वा दिया

ऐसे ही एक हिरासत केंद्र से रिहा होने के बाद गत सितंबर में अमेरिका के वर्जीनिया में बसने वाली 29 वर्षीय मिहरिगुल तुरसुन ने यहां पत्रकारों से कहा, 'मुझसे लगातार चार दिन पूछताछ की गई थी। इस दौरान सोने भी नहीं दिया गया था। बंदी बनाए रखने के दौरान मेरा जबरन चिकित्सा परीक्षण भी किया जाता था। मुझे लगता है कि इस तरह की यातना की अपेक्षा मौत बेहतर होती। मैंने उनसे कहा था कि मुझे मार डालो।'

चीन में पली-बढ़ीं तुरसुन अंग्रेजी पढ़ने के लिए मिस्र चली गई थीं। वहीं उन्होंने शादी कर ली और उनके तीन बच्चे हुए। 2015 में जब वह अपने परिवार से मिलने के लिए चीन लौटी थीं, हिरासत में ले ली गईं। तीन माह बाद उन्हें रिहा कर दिया गया था। इस दौरान उनके एक बच्चे की मौत हो गई थी।

शौचालयों की भी निगरानी

तुरसुन ने बताया कि तीसरी बार उन्हें एक तंग सेल में 60 महिलाओं के साथ रखा गया था। उन्हें सुरक्षा कैमरों के सामने शौचालय का इस्तेमाल करना पड़ता था। उन्हें बारी-बारी से सोने के लिए विवश किया जाता था। उन्हें और दूसरी महिला कैदियों को अज्ञात दवाएं खाने के लिए भी मजबूर किया जाता था।

'उइगर होना है अपराध'

तुरसुन ने कहा, 'एक दिन अधिकारियों ने मेरे सिर पर हेलमेट जैसी कोई चीज रखी और बिजली के झटके दिए। इसके बाद मेरे मुंह से सफेद झाग निकलने लगा और मैं बेहोश हो गई। इस दौरान मैंने उन लोगों को यह कहते सुना कि उइगर होना अपराध है।'

26 देशों के 278 स्कॉलरों ने की चीन की आलोचना

26 देशों के 278 स्कॉलरों ने सोमवार को वाशिंगटन में एक बयान जारी कर चीन में मानवाधिकारों के व्यापक हनन की आलोचना की। उन्होंने कहा, 'हिरासत शिविरों में ज्यादातर उइगरों को रखा गया है। उन्हें अपनी मातृभाषा, धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक प्रथाओं को छोड़ने के लिए विवश किया जा रहा है।'

20 लाख उइगर हिरासत में

मानवाधिकार समूहों का कहना है कि चीन ने करीब 20 लाख उइगर मुस्लिमों को बंदी बना रखा है। इसके अलावा शिनजियांग प्रांत में रहने वाले करीब एक करोड़ उइगरों पर कई बंदिशें लगाई गई हैं और उनकी कड़ी निगरानी की जाती है।


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