इजरायल, UAE और बहरीन के बीच हुआ अब्राहम समझौता, ट्रंप ने कहा- मिडिल ईस्ट के लिए नया सवेरा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अध्यक्षता में वाइट हाउस में हुए समारोह में ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर हुआ।
वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका की पहल पर पश्चिम एशिया में दशकों बाद शांति बहाली की उम्मीद जगी है। इजरायल, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और बहरीन के बीच अब्राहम समझौता हुआ है। इस ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, यूएई और बहरीन के विदेश मंत्रियों को अपने यहां आमंत्रित किया था। इजरायल और अरब देशों से बीच 26 साल बाद यह समझौता हुआ है।
ट्रंप ने समझौते को पश्चिम एशिया के लिए नया सवेरा करार दिया है। इस मौके पर उन्होंने कहा, हम यहां इतिहास को बदलने के लिए जुटे हैं। इस मौके पर यूएई की तरफ से विदेश मंत्री अब्दुल्ला बिन जायद और बहरीन की तरफ से विदेश मंत्री अब्दुल लतीफ अल जयानी मौजूद रहे। इस समझौते की सबसे खास बात यह है कि इसमें इजरायल-फलस्तीन संघर्ष का जिक्र नहीं किया गया है। ट्रंप ने कहा कि इससे पहले इजरायल के साथ अरब के सिर्फ दो देशों ने ही शांति समझौता किया था। मिस्त्र ने 1979 में और जॉर्डन ने 1994 में इजरायल के साथ शांति समझौता किया था।
"Thanks to the great courage of the leaders of these three countries, we take a major stride toward a future in which people of all faiths and backgrounds live together in peace and prosperity." pic.twitter.com/1mZ4yF4fMD
— The White House (@WhiteHouse) September 16, 2020
ट्रंप की अध्यक्षता में हुए समारोह में यूएई और बहरीन के प्रतिनिधियों ने अलग-अलग इजरायल के प्रतिनिधि के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि यह दिन ऐतिहासिक है। यह शांति की नई सुबह का आगाज है। यूएई के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्लाह बिन जायेद अल नाहयान ने कहा कि इससे दुनियाभर में उम्मीद की एक नई किरण जगेगी। बहरीन के विदेश मंत्री अब्दुल्लाआतिफ अल-जायानी ने भी ऐतिहासिक समझौते का स्वागत करते हुए कहा कि उनका देश फिलिस्तीन के साथ खड़ा रहेगा। हालांकि, फिलिस्तीनियों ने इन समझौतों की निंदा करते हुए इसे खतरनाक विश्वासघात करार दिया है।