कोरोना वायरस से निपटने के लिए यूएन में दो प्रस्ताव, वायरस के प्रभाव को कम करने की हुई अपील
कोरोना वायरस से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र में दो प्रस्ताप पेश किए गए हैं। वैश्विक संस्था की इन दिनों बैठकें नहीं हो रही हैं और इसके कारण मतदान के नियमों में बदलाव किया गया है।
संयुक्त राष्ट्र, एपी। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 193 सदस्य देशों को कोरोना वायरस की महामारी से किस प्रकार निपटना चाहिए, इस मुद्दे पर दो प्रस्ताव पेश किए गए हैं। वैश्विक संस्था की इन दिनों बैठकें नहीं हो रही हैं और इसके कारण मतदान के नियमों में बदलाव किया गया है। इसके अनुसार अगर किसी एक सदस्य ने भी प्रस्ताव का विरोध किया तो वह गिर जाएगा।
135 से अधिक देशों के अनुमोदन के साथ संयुक्त राष्ट्र (यूएन) महासभा में पेश प्रस्ताव में इस महामारी को रोकने, इसके प्रभाव को कम करने और इसे हराने के लिए अधिक अंतरराष्ट्रीय सहयोग की अपील की गई है। अन्य प्रयासों में सूचना का आदान-प्रदान, वैज्ञानिक ज्ञान और सर्वोत्तम अभ्यास तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा सुझाए गए संबद्ध दिशानिर्देश भी शामिल किए गए हैं।
दूसरा प्रस्ताव रूस ने मध्य अफ्रीकी गणराज्य, क्यूबा, निकारागुआ और वेनेजुएला के समर्थन से पेश किया है। इसमें महामारी से मुकाबले के लिए डब्ल्यूएचओ की नेतृत्व करने वाली भूमिका पर बल दिया गया है। हालांकि, इसमें ट्रेडवार बंद करने और संरक्षणवादी उपायों को लागू करने की भी अपील की गई है। इसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मंजूरी के बगैर एकपक्षीय तरीके से प्रतिबंध नहीं लगाने की भी अपील की गई है। संयुक्त राष्ट्र महासभा प्रमुख टी. तिजानी मुहम्मद बांडे ने दोनों प्रस्ताव सोमवार को सभी सदस्य देशों को भेज दिए हैं।
आमतौर पर महासभा प्रस्तावों को बहुमत या सर्वसम्मति से स्वीकार करता है। चूंकि, राजदूत अपने दूतावास या आवास से काम कर रहे हैं, इसलिए नए नियम के तहत सभी का मतदान अनिवार्य होगा। बता दें कि कोरोना वायरस से इस वक्त दुनियाभर के कई देशों को करीब 8 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन पहले ही इसे महामारी घोषित कर चुका है। फिलहाल, किसी भी देश के पास इस वायरस से निपटने का कोई इलाज नहीं है। गौरतलब है कि कोरोना का सबसे पहला मामला पिछले साल चीन के वुहान शहर में आया था।